कावेरी विवाद को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच चेन्नई में होने वाले आईपीएल मुकाबलों पर संकट खड़ा हो गया है। एएनआई के मुताबिक, चेन्नई में आगामी आईपीएल मैच दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएंगे। तमिलनाडु क्रिकेट असोसिएशन का कहना है कि राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच अगले मैच के टिकट की बिक्री टाल दी गई है।
IPL कमिश्नर राजीव शुक्ला ने सुरक्षा बढ़ाने को लेकर केंद्रीय गृह सचिव से भी बात की और चेन्नई में IPL मैचों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की टुकड़ियां भेजने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बात नहीं बनी। जिसके बाद BCCI के सामने चेन्नई के मैचों का वेन्यू बदलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा।
मैच के दौरान फेंके गए थे जूते
मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मैच से पहले एमए चिदंबरम स्टेडियम के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। इतना ही नहीं, मैच के दौरान खिलाड़ियों पर जूते उछाले गए। इस आरोप में स्टेडियम में पीली जर्सी पहने तमिल संगठन के दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। मैच के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।
रजनीकांत ने की थी आईपीएल मैच में विरोध जताने की अपील
अभिनेता से राजनेता बने रजनीकांत ने भी आईपीएल का विरोध किया था। चेन्नई में आईपीएल मैचों के आयोजन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था, जब कावेरी विवाद चल रहा है, तब आईपीएल देखना एक शर्मिंदगी है। उन्होंने आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाड़ियों से भी इस मामले में विरोध दर्ज कराने के लिए काली बैंड लगाकर खेलने की अपील की थी। उन्होंने बीसीसीआई और आईपीएल से लोगों की भावनाओं को समझने को कहा है। इससे पहले आईपीएल मैच के विरोध में आवाज उठाते हुए एएमएमके नेता दिनाकरण ने क्रिकेट प्रशंसकों को इससे दूर रहने की अपील की थी।
दिनाकरण ने की मैचों का बॉयकॉट करने की अपील
हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने आयोजन के दौरान सुरक्षा का आश्वासन दिया है। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की प्रतिद्वंद्वी और अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) नेता टी टी दिनाकरण ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे किसानों की आवाज को मजबूत करने के लिए क्रिकेट प्रेमियों को यहां होने वाले आईपीएल मैचों से दूर रहने की अपील की है। तमिल समर्थक संगठनों के आईपीएल मैच कराए जाने का विरोध करने के बाद उनकी अपील आई है। उन संगठनों का कहना था कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड के लिए जब किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, इसे कराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित किए जाने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों का आंदोलन तमिलनाडु के कई हिस्सों में जारी है। रविवार को तमिल अभिनेता विजय, एम नासर और विशाल ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
क्या है कावेरी जल विवाद?
कावेरी नदी के बेसिन में कर्नाटक का 32 हजार वर्ग किलोमीटर और तमिलनाडु का 44 हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका आता है। दोनों ही राज्यों का कहना है कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। इसे लेकर दशकों से विवाद चल रहा है। विवाद के निपटारे के लिए जून 1990 में केंद्र सरकार ने कावेरी ट्राइब्यूनल बनाया था, लंबी सुनवाई के बाद 2007 में फैसला दिया कि हर साल कावेरी नदी का 419 अरब क्यूबिक फीट पानी तमिलनाडु को दिया जाए जबकि 270 अरब क्यूबिक फीट पानी कर्नाटक को दिया जाए। कावेरी बेसिन में 740 अरब क्यूबिक फीट पानी मानते हुए ट्राइब्यूनल ने अपना फैसला सुनाया।
इसके अलावा केरल को 30 अरब क्यूबिक फीट और पुद्दुचेरी को 7 अरब क्यूबिक फीट पानी देने का फैसला दिया गया। ट्राइब्यूनल के फैसले से कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल खुश नहीं थे और फैसले के खिलाफ तीनों ही राज्य एक-एक करके सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। वहीं, इस मामले में केंद्र सरकार से कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड बनाने की मांग की जा रही है।