वर्ल्ड कप के 12वें सीजन में सोमवार को नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में रोमांचक मुकाबला खेला गया। हाई स्कोरिंग मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 14 रनों से हरा दिया। विश्व कप की प्रबल दावेदार इंग्लैंड को हराकर पाकिस्तान वर्ल्ड कप का अपना पहला मैच जीतने में सफल रही। वर्ल्ड कप के शुरू होने के पांच दिन बाद आखिरकार टूर्नामेंट का पहला शतक लग ही गया। ये शतक टूर्नामेंट के छठे मैच में आया। शतकों का सूखा इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने खत्म किया। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ मात्र 97 गेंदों में अपने वनडे करिअर का पहला शतक लगाया।
जोस बटलर ने भी जड़ा शतक
रूट ने 38वां ओवर फेंक रहे वहाब रियाज की दूसरी गेंद पर सिंगल लेकर अपना शतक पूरा किया। इससे पहले बाबर आजम ने मोहम्मद आमिर की गेंद पर उनका कैच छोड़ उन्हे एक जीवनदान दिया, वे उस वक्त 10 रन पर खेल रहे थे। यह सब जोस बटलर के साथ शानदार साझेदारी के बीच हुआ। रूट 134 मैचों में अपने 15वें वनडे शतक तक पहुंचने के तुरंत बाद आउट हो गए। उन्होंने 10 चौकों और एक छक्के की मदद से 104 गेंदों पर 107 रन बनाए। उन्होंने बटलर के साथ 130 रन जोड़े। हालांकि इंग्लैंड के लिए खुशी की बात यह रही कि उसके दो बल्लेबाजों ने एक ही मैच में शतक जड़े। दूसरा शतक जोस बटलर ने जड़ा, उन्होने 76 गेंदो पर 103 रन बनाए।
हफीज ने की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान की टीम ने मोहम्मद हाफिज, बाबर आजम और सरफराज अहमद के अर्धशतक की मदद से 50 ओवर में 348 रन का विशालकाय स्कोर बनाया। इससे पहले मोहम्मद हफीज विश्व कप के पहले शतक बनाने वाले खिलाड़ी बनने से चूक गए थे, उन्होने 62 गेंदो पर 84 रन बनाए थे। मोहम्मद हफीज को भी एक जीवनदान मिला जब वे महज 14 के स्केर पर थे, आदिल रशिद की गेंद पर जेसन रॉय ने उनका कैच छोड़ दिया जो इंग्लैंड को बहुत भारी पड़ा। अपने इस प्रदर्शन के लिए उन्हे मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।
पाकिस्तान ने तोड़ा हार का सिलसिला
बाबर आज़म (63) और पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद (55) ने भी अर्द्धशतक बनाए। यह पाकिस्तान की तरफ से एक बड़ा उलटफेर था, शुक्रवार को अपने पहले मैच में वेस्टइंडीज के सामने मात्र 105 पर आउट होकर सात विकेट से मैच हारना और फिर सोमवार को उसी मैदान पर विश्व कप की सबसे दावेदार टीम को हराना। अगर पाकिस्तान की बात करें तो 30 जनवरी से लेकर 31 मई तक यह टीम एक भी वनडे मैच नहीं जीत सकी और उसे लगातार 12 वनडे में 11 हार (2 ड्रॉ) का सामना करना पड़ा। लेकिन आखिरकार सोमवार को टीम ने वर्ल्ड कप की सबसे मजूबत टीम इंग्लैंड को हराकर दिखा दिया कि उसे इस विश्व कप में हल्के में नहीं लिया जा सकता।