भारत के पहले बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप ने लंच के बाद के अपने बेमिसाल स्पैल से ऑस्ट्रेलिया को झकझोरा जो कप्तान स्टीव स्मिथ (111) की पारी से एक समय बहुत अच्छी स्थिति में दिख रहा था। उन्होंने डेविड वार्नर (56), पीटर हैंड्सकांब (आठ) और ग्लेन मैक्सवेल (आठ) को पवेलियन भेजा।
ऑस्ट्रेलिया के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। शुरू में ही मैट रेनशॉ (एक) का विकेट गंवाने के बाद स्मिथ और वार्नर ने दूसरे विकेट के लिए 134 रन जोड़े। इसके बाद कुलदीप का जादू चला। स्मिथ का महत्वपूर्ण विकेट अश्विन ने हासिल किया जिन्होंने चाय के विश्राम से ठीक पहले स्लिप में अंजिक्य रहाणे को कैच थमाया।
दूसरा सत्र हालांकि कानपुर के 22 वर्ष के स्पिनर कुलदीप के नाम रहा। उन्हें चोटिल कप्तान विराट कोहली की जगह टीम में लिया गया था और वह अपनी खास तरह की गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चकमा देने में सफल रहे। लंच के बाद उन्होंने जिन तीनों आस्टेलियाई बल्लेबाजों को आउट किया वह गेंदबाजी करते समय उनके हाथ की स्थिति को समझने में नाकाम रहे।
इसके अलावा अतिरिक्त उछाल का भी कुलदीप को फायदा मिला। वार्नर ने उनकी गेंद पर कट करने का प्रयास किया लेकिन उस गेंद ने थोड़ा अधिक उछाल ले लिया और वह बल्ले का किनारा लेकर पहले स्लिप में खड़े रहाणे के पास चली गई। टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला टेस्ट विकेट लेने के बाद कुलदीप के खुशी में आंसू निकल आये। ओवर पूरा होने के बाद कोहली को इस युवा खिलाड़ी के साथ सीमा रेखा पर बात करते हुए देखा गया।
ऑस्ट्रेलिया को रांची में हार से बचाने वाले हैंड्सकांब ने फुललेंथ गेंद पर कवर डाइव करना चाहा लेकिन वह उनका स्टंप उखाड़ गई। मैक्सवेल तो उनकी रांग उन (दाएं हाथ के लेग स्पिनर की गुगली) को जरा भी नहीं समझ पाए और बोल्ड हो गए। जब भी कुलदीप को विकेट मिलता तो कोच और अपने जमाने के दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले खड़े होकर ताली बजाते।
इससे पहले पहल सत्र ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा था। स्मिथ और वार्नर ने गजब की बल्लेबाजी की और लंच तक टीम का स्कोर एक विकेट पर 131 रन तक पहुंचाया था लेकिन इसके बाद उसकी लय गड़बड़ा गई। वार्नर के आउट होने के बाद रन गति धीमी पड़ी। एक अन्य सीनियर बल्लेबाज शान मार्श भी नहीं चल पाए और उन्होंने विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को लेग साइड में आसान कैच दिया। पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है और स्मिथ ने विशेषकर सुबह के सत्र में इस पर आसानी से रन बटोरे। उन्होंने अपनी 173 गेंद की पारी में 14 चौके लगाए। भारतीय गेंदबाजों में से विशेषकर इशांत शर्मा की जगह टीम में लिए भुवनेश्वर कुमार प्रभाव नहीं छोड़ पाए जिससे कोहली की अनुपस्थिति में अगुवाई कर रहे रहाणे के पास तब कोई विकल्प नहीं था।
भुवनेश्वर का शुरू में भाग्य ने भी साथ नहीं दिया क्योंकि मैच की पहली गेंद ही वार्नर के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में करुण नायर के करीब गई थी लेकिन वह उसे कैच नहीं कर पाए। उमेश यादव ने खूबसूरत गेंद पर मैट रेनशॉ (एक) का विकेट उखाड़कर भारत को शुरू में सफलता दिलाई लेकिन इसके बाद स्मिथ और वार्नर ने भुवनेश्वर पर आसानी से रन बटोरे। यहां तक कि यादव भी पहले दो ओवर अच्छे करने के बाद लय खो बैठे थे।
स्मिथ ने अश्विन पर हावी होने की रणनीति अपनाई। उन्होंने इस आफ स्पिनर पर पहले हवा में शाट खेलकर चौका लगाया और फिर आफ साइड में गेंद सीमा रेखा पर भेजी। आत्मविश्वास हासिल करने के बाद वार्नर ने भी अश्विन की गेंद पर लांग आफ पर छक्का लगाया। (एजेंसी)