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विश्व कप फाइनल में हुए ‘ओवरथ्रो’ विवाद के बाद नियम बदल सकती है एमसीसी: रिपोर्ट

 12वें वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद विश्व क्रिकेट को इंग्लैंड के रूप में नया विजेता मिला। वहीं लॉर्ड्स...
विश्व कप फाइनल में हुए ‘ओवरथ्रो’ विवाद के बाद नियम बदल सकती है एमसीसी: रिपोर्ट

 12वें वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद विश्व क्रिकेट को इंग्लैंड के रूप में नया विजेता मिला। वहीं लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए फाइनल के बाद क्रिकेट जगत में आईसीसी के नियमों को लेकर बड़ी बहस भी छिड़ गई। वर्ल्ड कप-2019 के फाइनल में हुए ‘ओवरथ्रो’ विवाद के बाद क्रिकेट कानूनों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) इस नियम की समीक्षा कर सकती है। ‘द संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘एमसीसी में एक विचार है कि जब अगली बार खेल के नियमों की समीक्षा हो तो ओवरथ्रो के नियमों पर ध्यान दिया जाए, जो इसकी उप-समिति की जिम्मेदारी है।’ 

अधिक बाउंड्री लगाने की वजह से बनी इंग्लैंड विजेता

फाइनल में इंग्लैंड को आखिरी ओवर में ओवरथ्रो से छह रन मिले थे। मार्टिन गप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर सीमा रेखा के पार चला गया था। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए फाइनल में मैच टाई रहा, जिसके बाद दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर करवाया गया। लेकिन सुपर ओवर के भी टाई रहने की वजह से कोई परिणाम नहीं निकल पाया। इसके बाद क्रिकेट के नियम के तहत मैच और सुपर ओवर में अधिक बाउंड्री लगाने वाले इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया।

क्या था मामला

दरअसल मामला इंग्लैंड की पारी के 50वें ओवर का है। मेजबान टीम को तीन गेंदों में नौ रन की दरकार थी, तभी चौथी गेंद पर बेन स्टोक्स ने मिड विकेट की ओर शॉट खेला और तेजी से एक रन लेने के बाद दूसरा रन लेने के लिए भागे। इस दौरान दूसरा रन पूरा करने के वक्त उन्होंने स्ट्राइक एंड की तरफ डाइव लगा दी, तभी गुप्टिल का थ्रो आकर उनके बैट पर लगा और गेंद बाउंड्री पार चली गई। इसके बाद अंपायर ने आपस में बातचीत करने के बाद इंग्लैंड को छह रन दे दिए। इस तरह जहां सिर्फ दो रन होने चाहिए थे, वहां इंग्लैंड को चार रन और अतिरिक्त मिल गए यानी कुल मिलाकर इंग्लैंड के खाते में छह रन जुड़ गए। अब इंग्लैंड को आखिरी दो गेंदों में जीत के लिए सिर्फ तीन रन की दरकार थी, जो कि मैच का टर्निंग प्वाइंट बन गया।

साइमन टॉफेल ने कहा बहुत खराब फैसला था

श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और दक्षिण अफ्रीका के मराइस इरासमस मैदानी अंपायर थे जिन्होंने इंग्लैंड को छह रन दे दिए। हालांकि आईसीसी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा था कि यह बहुत खराब फैसला था। उन्हें (इंग्लैंड) पांच रन दिए जाने चाहिए थे, छह रन नहीं। यह घटना मैच के अंतिम ओवर में हुई। 

टीवी रीप्ले से साफ लग रहा था कि आदिल राशिद और स्टोक्स ने तब दूसरा रन पूरा नहीं किया था जब गप्टिल ने थ्रो किया था। लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने इंग्लैंड के खाते में 6 रन जोड़ दिए। चार रन बाउंड्री के तथा दो रन जो बल्लेबाजों ने दौड़कर लिए थे।

क्या कहता है आईसीसी का नियम

क्रिकेट के 19.8 नियम के तहत अगर गेंद ओवरथ्रो पर बाउंड्री के पार चली जाए (चाहे वह गैरइरादतन बल्ले से ही क्यों न लगी हो), तो ओवरथ्रो से पहले लिए गए रनों में बाउंड्री के चार रन जुड़ जाएंगे। अगर ओवर थ्रो या फिर फील्डर के जानबूझ कर किए गए एक्ट से गेंद बाउंड्री पार कर जाती है तो इसका फायदा दूसरी टीम को मिलता है। रन लेते समय रन का फायदा तभी मिलता है, जब बल्लेबाज ने थ्रो से पहले रन पूरा कर लिया हो या फिर थ्रो से पहले ही दोनों बल्लेबाज एक दुसरे को क्रॉस कर जाते हैं।

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