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फुटबॉल के गढ़ में क्रिकेट की सेंध, रणजी ट्राफी में खेलती नजर आएंगी पूर्वोत्तर राज्यों की टीमें

6 राज्यों मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों ने आज विनोद राय से डेढ़ घंटा मुलाकात की। इस मुलाकात में सभी प्रतिनिधियों ने इस सत्र में संयुक्त इकाई के रूप में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अपील की।
फुटबॉल के गढ़ में क्रिकेट की सेंध, रणजी ट्राफी में खेलती नजर आएंगी पूर्वोत्तर राज्यों की टीमें

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में वैसे तो फुटबॉल ज्यादा लोकप्रिय खेल हैं लेकिन समय के साथ-साथ क्रिकेट ने भी इस क्षेत्र में काफी पहचान बना ली है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के छह राज्य अगले सीजन से व्यक्तिगत इकाइयों के रूप में रणजी ट्राफी में खेलते नजर आएंगे। सीओए ने छह राज्यों की टीमों को रणजी ट्राफी में शामिल करने की जिम्मेदारी बीसीसीआई महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी को सौंपी गई है।

6 राज्यों मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों ने आज विनोद राय से डेढ़ घंटा मुलाकात की। इस मुलाकात में सभी प्रतिनिधियों ने इस सत्र में संयुक्त इकाई के रूप में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अपील की। विनोद राय ने आश्वासन दिया गया कि अगले सत्र में पूर्वोत्तर के छह राज्य रणजी ट्राफी का हिस्सा होंगे जबकि इस सत्र से ही वे आयु वर्ग (अंडर 16, अंडर 19 और अंडर 23) टूर्नामेंटों में अलग अलग राज्यों के रूप में हिस्सा ले सकेंगे।

वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के संयोजक नबा भट्टाचार्य ने आज बैठक के बाद कहा कि राय ने हमें कहा कि रणजी ट्राफी 6 अक्तूबर से शुरू हो रही है इसलिए इस सत्र में खेलना मुश्किल होगा। हालांकि अगले सत्र से वह व्यक्तिगत राज्यों के रूप में खेलेंगे। इतने वर्षों के बाद पहली बार हमें पूर्ण आश्वासन मिला है। प्रो शेट्टी इसे लागू करने की प्रक्रिया को देखेंगे। अच्छी खबर यह है कि सीओए ने फैसला किया है कि अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (वीनू मांकड़) और अंडर-23 (सीके नायडू ट्राफी) में पूर्वोत्तर क्षेत्र की टीमें भी हिस्सा लेंगी।

भट्टाचार्य ने आगे कहा कि अंडर-16 और अंडर-23 बीसीसीआई टूर्नामेंट जोन के आधार पर आयोजित होते हैं। असम और त्रिपुरा पूर्व क्षेत्र में खेलना जारी रखेंगे और अलग से पूर्वोत्तर क्षेत्र तैयार किया जाएगा। क्षेत्र से शीर्ष दो टीमें नाकआउट राउंड के लिए क्वालीफाई करेंगी। उन्होंने बताया कि एकमात्र समस्या कूच बिहार ट्राफी (अंडर 19) है क्योंकि इस टूर्नामेंट का कार्यक्रम पहले से ही तैयार किया जा चुका है। सीओए ने कहा है कि तकनीकी समिति के अध्यक्ष सौरव गांगुली इस संबंध में फैसला करेंगे।

आपको बता दें कि रणजी ट्रॉफी में मौजूदा टीमों की संख्या 28 है। छह राज्य की टीमों के शामिल होने के बाद कुल 35 टीमें रणजी ट्रॉफी में खेलती नजर आ सकती हैं। बिहार की टीम का भी रणजी के अगले सीजन में खेलना तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य में क्रिकेट की तुलना में फुटबॉल को ज्यादा पसंद किया जाता है। यदि पूर्वोत्तर की ये 6 टीमें अगले सीजन में रणजी में शामिल होती है तो कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के क्रिकेट में भी उभरने की पूरी संभावना है।

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