दिल्ली कैपिटल के कोच रिकी पोंटिंग को लगता है कि शिखर धवन को पॉवरप्ले के ओवरों में तेज रन बनाने होगें क्योंकि ऋषभ पंत के लिए यह संभव नहीं होगा कि मध्य ओवरों में वह हर मैच में तेज या एक जैसी बल्लेबाजी कर सकें। दिल्ली मंगलवार रात अपने दूसरे आईपीएल खेल में चेन्नई सुपर किंग्स से छह विकेट से हार गई। इस मैच के बाद धवन की बल्लेबाजी एक चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ शुरुआती जीत में भी अच्छी गति से रन नहीं बनाए थे।
धवन का स्ट्राइक-रेट है चिंता का विषय
यह पूछे जाने पर कि क्या वह धवन की बल्लेबाजी में कोई बदलाव लाना चाहेंगे, पोंटिंग ने इस पर जवाब दिया कि आदर्श रूप से, हां हम ऐसा करना चाहते हैं। लेकिन यह स्पष्ट रूप से किसी के लिए आसान विकेट नहीं था, की आप जाएं और जाते ही तेज बल्लेबाजी करना शुरू कर दें खासकर पॉवरप्ले के अंत में ऐसा करना और भी मुश्किल है। धवन का स्ट्राइक-रेट 115 से भी कम रहा है, जो कि टी-20 फॉर्मेट में खराब माना जाता है, उन्होने मुंबई के खिलाफ 36 गेंदों पर 43 रन बनाए और कल चेन्नई के खिलाफ उनका स्कोर 47 गेंद पर 51 था, जो बताता है की उनका स्ट्राइक-रेट एक चिंता का विषय है।
पोंटिंग ने कहा कि हम चाहते हैं कि शिखर एक निश्चित भूमिका में टीम के लिए खेलें। अगर उनसे पूछा जाए तो इस मैच में वे खुद भी तेज बल्लेबाजी करना चाह रहे होंगे, एक वक्त हमारी टीम का स्कोर 118-2 था और उसके बावजूद हम महज 147 ही बना पाए। जिस चीज से मैं सबसे ज्यादा चिंतित व निराश हूं वह पारी के अंत का हिस्सा है शुरूआत हालांकि हमने अच्छी की थी।
पंत के विकेट को बताया मुख्य कारण
यह पंत का विकेट ही था जो एक अच्छे और एक सामान्य स्कोर के बीच का अंतर बना। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि किसी को भी विकेटकीपर-बल्लेबाज से हर रोज़ एक अच्छा स्कोर करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हम ऋषभ से हर मैच में मुंबई जैसी पारी खेलने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, कोई भी ऐसा नहीं कर सकता। कोई भी हर खेल में 27 गेंदों पर 78 रन नही बना सकता है, लेकिन अगर चेन्नई के खिलाफ वे ऐसा करते तो परिणाम कुछ और होते। यह केवल ऋषभ की जिम्मेदारी ही नहीं, हर बल्लेबाज को टीम के लिए ऐसा करना होगा, जैसे इस मैच में इनग्राम के पास एक अवसर था और श्रेयस के पास भी फिर से एक अच्छा अवसर था।