तब आईपीएल के कई खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे और पूरे देश में हंगामा मचा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुखिया एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन पर इन आरोपों के छींटे पड़े थे और जब इसकी आंच से केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार का दामन गर्म होने लगा था तो मजबूरी में राजीव शुक्ला ने पद छोड़ने की घोषणा की थी।
इसके बाद से राजीव शुक्ला का समय अचानक खराब हो गया। केंद्र में सरकार बदलने से मंत्री पद चला गया, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के कारण श्रीनिवासन बीसीसीआई से बाहर हो गए और इसका खामियाजा कहीं न कहीं शुक्ला को भुगतना पड़ा जो शरद पवार गुट का होने के कारण बीसीसीआई के उपाध्यक्ष पद का चुनाव हार गए क्योंकि तब श्रीनिवासन गुट ने पवार गुट के हर उम्मीदवार को हराने के लिए जी जान लगा दिया था। नतीजतन, सचिव पद पर अनुराग ठाकुर को छोड़कर तब पवार गुट से सभी उम्मीदवार हार गए थे। लेकिन सोमवार को ऐसा लगा कि शरद पवार खेमा फिर से गेम में आ गया है। आज बीसीसीआई की अलग-अलग कमेटियों पर जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं उनमें शरद पवार खेमे का वर्चस्व रहा है। शुक्ला को एक बार फिर आईपीएल संचालन परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जिससे एक महीने से इस लुभावनी लीग के शीर्ष अधिकारी के पद को लेकर चल रहा भ्रम समाप्त हो गया।
बीसीसीआई में जगमोहन डालमिया के पक्ष में अपने पत्ते खेलना श्रीनि कैंप को अब भारी पड़ रहा है। वैसे भी जगमोहन डालमिया जैसे कुशल प्रशासक से यह उम्मीद करना कि वह श्रीनि कैंप के रहमोकरम पर टिके रहेंगे, एक छलावा ही थी। समय मिलते ही उन्होंने अपनी चालें चलनी शुरू कर दी हैं। शुक्ला के अलावा शरद पवार खेमे के एक अन्य दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी बीसीसीआई में पुनर्वास हो गया है। उन्हें वित्त समिति का प्रमुख बनाया गया है।
हालांकि शुक्ला को लेकर यह सवाल तो पूछा ही जा सकता है कि 2013 से लेकर अबतक इस लीग में ऐसा क्या बदलाव हुआ है कि तब इस पद को छोड़ने वाले राजीव शुक्ला फिर धूम-धाम से इस पद पर काबिज हो गए हैं। गुरुनाथ मयप्पन के कारण गलत वजहों से चर्चा में रही चेन्नई सुपर किंग अब भी इस लीग का हिस्सा है। फिक्सिंग की रोकथाम के लिए भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा इकाई (एसीएसयू) की उप समिति अब तक गठित ही नहीं हो पाई है तो आखिर भ्रष्टाचार पर रोक कैसे लगेगी। जाहिर है कि बीसीसीआई में ऐसे सवालों के लिए कोई जगह नहीं है।
वैसे सोमवार को बीसीसीआई ने कई नियुक्तियों की घोषणा की गई। सौरव गांगुली आईपीएल संचालन परिषद में जगह बनाने वाले नए सदस्य होंगे जबकि संदीप पाटिल की अगुआई वाली सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति को एक और सत्र के लिए बरकरार रखा गया है। भारतीय टीम के टीम निदेशक रवि शास्त्री भी आईपीएल संचालन परिषद में बने रहेंगे। एक अन्य पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले को तकनीकी समिति का अध्यक्ष बरकरार रखा गया है। गोवा के चेतन देसाई विपणन समिति के प्रमुख होंगे जबकि आंध्र के गोकाराजू गंगराजू को दौरा और कार्यक्रम समिति का प्रभारी बनाया गया है। बंगाल क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष विश्वरूप डे मीडिया समिति के नए प्रमुख होंगे। अनुराग ठाकुर की अगुआई में एफीलिएशन समिति नाम की नई समिति का गठन किया गया है जबकि बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया अब स्वयं संविधान समीक्षा समिति की अध्यक्षता करेंगे जबकि शुक्ला उनका साथ देंगे।