भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे फिलहाल वनडे फॉर्मेट को अलविदा कहने नहीं जा रहे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से ही रोहित के भविष्य और कप्तानी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में उनकी 76 रनों की मैच जिताऊ पारी ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित ने कहा, "मैं वनडे क्रिकेट से संन्यास नहीं लेने जा रहा। कृपया ऐसी अफवाहें न फैलाएं। कोई भविष्य की योजना नहीं है। जो हो रहा है, वह चलता रहेगा।"
रोहित ने बताया कि पावरप्ले में आक्रामक खेलने का फैसला रणनीति के तहत लिया गया था। पहले 10 ओवरों में उन्होंने 49 रन बनाए और फिर 83 गेंदों पर 76 रनों की पारी खेली।
रोहित ने बताया, "मैंने आज कुछ भी अलग नहीं किया, जो पिछले 3-4 मैचों में कर रहा था, वही किया। मुझे पता था कि पावरप्ले में रन बनाना कितना ज़रूरी है, क्योंकि 10 ओवर के बाद फील्ड फैलने और स्पिनर्स के आने के बाद रन बनाना मुश्किल हो जाता है।"
दुबई की धीमी पिच भी उनके तेज़ खेलने का एक कारण रही। उन्होंने कहा, "यह पिच पहले से ही धीमी थी, इसलिए शुरुआत में तेजी से रन बनाना ज़रूरी था। मैं सोच-समझकर बॉलर्स को चुनता हूं कि किस पर अटैक कर सकता हूं और किस पर नहीं। 10 ओवर के बाद मैंने अपनी रणनीति बदली और टिककर खेलने का फैसला किया।"
टीम की जीत में योगदान देने पर रोहित ने कहा कि यह उनके लिए बेहद संतोषजनक अनुभव था। उन्होंने कागज "2019 वर्ल्ड कप में मैंने काफी रन बनाए थे, लेकिन हम टूर्नामेंट नहीं जीत सके, तो उसमें मजा नहीं आया। लेकिन जब आप 50-60 रन बनाकर टीम को जीत की ओर ले जाते हैं, तो उसका अलग ही मजा होता है।
केएल राहुल को नंबर 6 पर भेजे जाने को लेकर काफी चर्चा रही है। इस पर रोहित ने कहा कि टीम मैनेजमेंट इस फैसले से खुश है क्योंकि राहुल दबाव में खेलते समय बेहद शांत रहते हैं। उन्होंने बताया, "हमने काफी सोच-समझकर फैसला किया कि राहुल को मिडल ऑर्डर में लाना चाहिए। उनके पास दबाव को झेलने की क्षमता है और हमें मिडल ऑर्डर में यही ठहराव चाहिए था। साथ ही, एक बाएं हाथ के बल्लेबाज (अक्षर पटेल) को बीच में लाने का भी फायदा मिला।"
रोहित ने यह भी कहा कि राहुल के छोटे-छोटे योगदान भी टीम के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। रोहित ने कहा, "चाहे 30-40 रन हों या 70-80, राहुल ने मुश्किल हालात में बहुत योगदान दिया है। सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में उन्होंने दबाव में शानदार बल्लेबाजी की।"
रोहित ने श्रेयस अय्यर की भी तारीफ की और कहा कि मध्यक्रम में उनकी पारियां टीम के लिए बेहद अहम रहीं।
रोहित ने कहा, "श्रेयस हमारे लिए बहुत अहम हैं। सेमीफाइनल में विराट कोहली के साथ उनकी साझेदारी हो या पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पारियां, उन्होंने टीम को स्थिरता दी है। आज भी, जब मैं आउट हुआ और हमारी तीन विकेट गिर चुकी थीं, तब उन्होंने अक्षर के साथ मिलकर 50-70 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाला।"
आखिर में, रोहित ने चैंपियंस ट्रॉफी की इस जीत को पूरे देश को समर्पित किया। उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि हमारे देश के लोग हमें कितना सपोर्ट करते हैं। जब भी भारत कोई बड़ा फाइनल जीतता है, यह पूरे देश के लिए खुशी की बात होती है। यह जीत भारत के हर फैन के लिए है।"