क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में भारत से हार के बाद पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद निशाने पर हैं। अब पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने वर्ल्ड कप में भारत से मिली 89 रन से मिली हार के लिए सरफराज अहमद को जिम्मेदार ठहराया। अख्तर ने यहां तक कह दिया कि सरफराज की ‘बेवकूफाना कप्तानी’ की वजह से पाकिस्तान की टीम हारी। शोएब ने अपने यूट्यूब चैनल पर विडियो पोस्ट कर सरफराज पर गुस्सा निकाला। बता दें कि अपनी फिटनेस और खेल को लेकर इस वक्त पाकिस्तानी टीम हर तरफ से घिरी हुई है। पाकिस्तानी फैंस भी उनपर जमकर सवाल उठा रहे हैं।
टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुननी चाहिए थी
शोएब ने विडियो में कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि कोई कप्तान इतना अहमक (बेवकूफ) कैसे हो सकता है। सरफराज को क्या पता नहीं था कि हम लक्ष्य का पीछा करने में कितने कमजोर हैं। आपको पता होना चाहिए कि आपकी ताकत बल्लेबाजी नहीं गेंदबाजी है। उन्होंने कहा कि टॉस जीतना अहम था लेकिन सरफराज को पहले बल्लेबाजी चुननी चाहिए थी। आप टॉस जीतकर आधा मैच तो वही जीत गए लेकिन उसके बाद क्या किया। आपने पूरी कोशिश की कि मैच हार जाएं। बेवकूफाना कप्तानी और बेवकूफाना प्रबंधन। शोएब ने आगे कहा कि आप लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाते। 1999 में टीम में इंजमाम, युसूफ, सईद अनवर, शाहिद अफरीदी जैसे बल्लेबाज थे लेकिन तब भी 227 रन नहीं बना सके थे। यह जोखिम लेना ही नहीं चाहिए था।
मैनजमेंट की भी आलोचना की
शोएब ने मैनजमेंट की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमारी मैनजमेंट बेवकूफ पर है। वहीं, कप्तान मैनजमेंट के सामने मामू बना बैठा है। उन्हें (सरफराज) यह भी नहीं पता कि फैसले कैसे लिए जाते है। वह 10वीं कक्षा की बच्चे की तरह काम कर रहे है। कप्तान को जितना सिखाया जाता है, वह उतना ही फील्ड में कर के आते हैं।
बल्लेबाजों की आलोचना की
शोएब ने टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी के ऊपर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बाबर आजम के स्ट्राइक रोटेट न करने पर सवाल खड़े किए। वहीं, ओपन इमाम उल हक को बिना तकनीक का बल्लेबाज बताया। शोएब मलिक के गैरजिम्मेदाराना खेल पर भी सवाल खड़े किए। शोएब ने कहा कि टीम ने सही चयन नहीं किया। शायद सही चयन किया जा सकता था।
हसन अली को भी लियाआड़े हाथो
अख्तर ने तेज गेंदबाज हसन अली को भी आड़े हाथो लिया, जिन्होने अपने 9 ओवरों में 84 रन दिये। अख्तर ने हसन अली को पाकिस्तान की हार का मुख्य दोषी माना। उन्होने कहा कि हमारे गेंदबाजी, हसन अली वाघा बॉर्डर पर तो कूद सकते हैं, लेकिन जहां जोर लगाने का समय होता है, वहां ऐसा नहीं कर पाते। ये सभी चीजें तब अच्छी लगती हैं जब आप 6-7 विकेट लेते हैं। लेकिन आप यहां आते हैं और 82-84 रन देते हैं, यह कौन सी मानसिकता है?
(एजेंसी इनपुट)
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    