ठाकुर ने आईसीसी चेयरमैन श्रीनिवासन पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें असल में सट्टेबाजों की सूचना अपने स्वयं के परिवार के सदस्यों के साथ साझा करनी चाहिए जिनकी सट्टेबाजी में संलिप्तता साबित हो चुकी है। आईसीसी के संदिग्ध सट्टेबाजों से दूर रहने के लिए ठाकुर को परामर्श जारी करने के एक दिन बाद बीसीसीआई सचिव ने सोमवार को एक खुले पत्र के जरिये श्रीनिवासन पर हमला किया जिसमें उन्होंने आईसीसी चेयरमैन के कहने पर उठाए गए इस कदम के समय पर सवाल उठाए।
खबरों में कहा गया है कि आईसीसी ने बीसीसीआई को पत्र भेजा है कि ठाकुर को चंडीगढ़ में कथित सट्टेबाज करण गिल्होत्रा के साथ देखा गया जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के इस सांसद के कार्यालय ने सोमवार को मीडिया विज्ञप्ति जारी की जिसमें ठाकुर ने श्रीनिवासन पर निशाना साधते हुए पत्र में लिखा, बीसीसीआई को स्पष्ट तौर पर आपके निर्देशन में आईसीसी की सूचना मिली है कि मुझे करण गिल्होत्रा से दूर रहना चाहिए जो संदिग्ध सट्टेबाज है। इस सूचना में आगे कहा गया है कि यह सूचना अपुष्ट है।
उन्होंने कहा, मैं इससे पहले आपकी अध्यक्षता में बीसीसीआई का संयुक्त सचिव रहा और अब मैं बीसीसीआई का सचिव हूं। मैं सिर्फ यह इच्छा रखता हूं कि आप अपुष्ट संदिग्ध सट्टेबाजों की सूची मेरे और अन्य साथियों के साथ साझा करते जिससे कि हम उनकी पहचान करते और उनसे दूर रहते। ठाकुर ने गिल्होत्रा के बारे में कहा, मैं उस व्यक्ति को जानता हूं जो पंजाब और साथी राज्यों में राजनीतिक और क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियों में शामिल है। संदिग्ध सट्टेबाज के रूप में उसकी गतिविधियों की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, यह रोचक है कि इस संदिग्ध सट्टेबाज से पहचान की जानकारी आईसीसी को आपके मित्र नीरज गुंडे के जरिये मिली। नीरज गुंडे दिल्ली में मीडिया को बीसीसीआई में आपके आलोचकों के खिलाफ दस्तावेजी जानकारी मुहैया करा रहा है। वह आपके कहने पर काम कर रहा है।
ठाकुर ने कहा, मैं आग्रह करता हूं कि कम से कम अब मेरे या बीसीसीआई के अन्य साथियों के साथ भारत में संदिग्ध सट्टेबाजों की सूची साझा की जाए जिससे कि हम इनसे दूर रह सकें। आप इस सूचना को अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी साझा कर सकते हैं जिनकी सट्टेबाजी में संलिप्तता साबित हो चुकी है। ठाकुर ने बीसीसीआई के लेटर हेड पर श्रीनिवासन को लिखे पत्र में कहा, मुझे दिए गए आईसीसी के परामर्श को सार्वजनिक किया गया इसलिए मैं आपको लिखे इस पत्र को सार्वजनिक कर रहा हूं।
पता चला है कि रविवार को कोलकाता में बीसीसीआई की कार्य समिति की बैठक में यह मामला उठाया गया लेकिन बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने आईसीसी के पत्र को कोई तवज्जो नहीं दी। यह पत्र आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन के नाम पर लिखा गया है लेकिन इसे श्रीनिवासन के इशारे पर किया गया काम माना जा रहा है। इस तरह की अटकलें हैं कि डालमिया और उनके साथी इस पत्र पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बीसीसीआई से बेदखल किए जा चुके श्रीनिवासन पिछले साल आईसीसी के चेयरमैन बनाए गए थे। अगले एक वर्ष तक बीसीसीआई द्वारा नामित व्यक्ति इस पद पर काबिज रहेगा। अनुराग ठाकुर ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि सितंबर में बोर्ड की बैठक में श्रीनिवासन की जगह किसी और शख्स को इस पद पर तैनात करने का फैसला लिया जा सकता है। इसके बाद से ही श्रीनिवासन के माथे पर बल पड़े हैं क्योंकि आईसीसी से बाहर होने के बाद उनके लिए भारतीय क्रिकेट में अपना रुतबा बनाए रखना बेहद मुश्किल हो जाएगा क्योंकि बीसीसीआई में पहले ही उनके विरोधियों ने अपना प्रभाव बढ़ा लिया है। डालमिया को अध्यक्ष पद पर नियुक्त करवाते समय श्रीनिवासन को लगा था कि वह उनके हितों का ध्यान रखेंगे मगर अपने फैसलों से डालमिया ने साबित कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट में श्रीनिवासन का सूरज अस्त होने के कगार पर है।