भारत और वेस्टइंडीज के दौराने होने वाले टी-20 और एकदिवसीय मैचों के दौरान ‘फ्रंट फुट नो बॉल’ का फैसला मैदान पर मौजूद अंपायर नहीं, बल्कि थर्ड अंपायर करेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
इस सीरीज में तीन अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच और इतने ही एकदिवसीय मुकाबले खेले जाएंगे। शुक्रवार को पहला मैच हैदराबाद में खेला जाएगा और ‘फ्रंट फुट नो बॉल’ तकनीक का इसी दौरान ट्रायल किया जाएगा। आईसीसी ने एक बयान में कहा, “पूरे ट्रायल के दौरान थर्ड अंपायर सारे गेंदों को मॉनिटर करेंगे और पता लगाएंगे कि अगले पैर की वजह से नो बॉल हुआ है या नहीं।”
बयान में कहा गया है, “अगर फ्रंट फुट खींची रेखा से आगे जाता है, तो थर्ड अंपायर मैदान पर मौजूद अंपायर से संपर्क करेगा, जो नॉ बॉल की घोषणा करेगा। इसका मतलब है कि मैदान पर मौजूद अंपायर बिना थर्ड अंपायर की सलाह के नो बॉल नहीं देगा।” आईसीसी ने कहा कि संदेह की स्थिति में शक का लाभ गेंदबाज के खाते में जाएगा।
आईसीसी ने कहा, “मैदान पर मौजूद अंपायर खेल के बाकी फैसले पहले की तरह करते रहेंगे। ट्रायल के नतीजों से यह पता लगाया जाएगा कि इस प्रणाली से नो बॉल के फैसले लेने में सटीकता आती है या नहीं और क्या इससे खेल के फ्लो को बाधित करने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगा।” फंर्ट फुट नो बॉल का फैसले लेने की जिम्मेदारी थर्ड अंपायर को देने का निर्णय इसी साल अगस्त में लिया गय था। इसका पहला ट्राय 2016 में इंग्लैंड और पाकिस्तानी के बीच एकदिवसीय सीरीज में किया गया था। आईसीसी ने अब यह फैसला क्रिकेट कमिटी की सलाह पर लिया है। कमिटी ने कहा है कि सीमित ओवरों की सीरीज में इसका जितना संभव हो उतना प्रयोग किया जाए।