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कैप्‍टन कोहली की बेताबी और 2017-18-19 की चुनौतियां

लगातार 18 टेस्ट मैचों में अजेय रहने और एक साल में सर्वाधिक टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करने के बावजूद बड़े लक्ष्यों पर निगाह रखने वाले भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली और उनकी टीम को असली चुनौती वर्ष 2018 में मिलेगी जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्‍ट्रेलिया का दौरा करना है।
कैप्‍टन कोहली की बेताबी और 2017-18-19 की चुनौतियां

कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला 4-0 से जीतने के बाद स्पष्ट किया था कि अभी टीम ने कुछ खास हासिल नहीं किया है और उनके लक्ष्य इससे बड़े हैं। संभवत: उनके ये लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और आॅॅस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर टेस्ट श्रृंखला जीतना और विश्व कप 2019 में खिताब हासिल करना है।

भारत ने आज तक आॅॅस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती है और कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वालेे पहलेे भारतीय कप्तान बनने के लिये बेताब होंगे। इंग्लैंड में भारत ने जो 17 श्रृंखलाएं खेली हैं उनमें तीन में जीत दर्ज की लेकिन 13 में उसे हार मिली और एक ड्रा रही है। इंग्लैंड में भारत ने वैसे कुल 57 टेस्ट मैच खेले हैं और उनमें से केवल छह में जीत हासिल की है।

भारतीय टीम को अभी इंग्लैंड से जनवरी में तीन वनडे और तीन टी 20 खेलने के बाद फरवरी-मार्च 2017 में चार टेस्ट मैचों के लिये आॅॅस्ट्रेलिया की मेजबानी करनी है। ऑस्‍ट्रेलिया के लिये पिछले कुछ समय से उपमहाद्वीप में खेलना बेहद मुश्किल काम रहा है और इस लिहाज से उसके लिये बेहतरीन फार्म में चल रही कोहली और उनकी टीम का सामना करना आसान नहीं होगा।

इसके बाद भारतीय टीम जून में चैंपियन्स ट्राफी खेलने इंग्लैंड जाएगी और फिर वेस्टइंडीज में पांच वनडे और एक टी 20 मैच खेलेगी।

टेस्ट मैचों के लिये भारतीय टीम लंबे अर्से बाद पहले विदेशी दौरे पर अगस्त 2017 में श्रीलंका जाएगी जहां उसे तीन टेस्ट मैचों के अलावा पांच वनडे और एक टी 20 भी खेलना है। श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर हराना किसी भी टीम के लिये आसान नहीं रहा है लेकिन भारत ने पिछले साल उसे 2-1 से पराजित किया था और वह फिर से इसे दोहराने में सक्षम है।

भारतीय टीम को अक्तूबर 2017 में ऑस्‍ट्रेलिया की पांच वनडे के लिये मेजबानी करनी है। आईसीसी के भविष्य के दौरा कार्यक्रम के अनुसार भारत को अगले साल नवंबर-दिसंबर में तीन टेस्ट, पांच वनडे और दो टी20 के लिये पाकिस्तान की मेजबानी करनी है जो वर्तमान हालात में संभव नहीं लगती है। एेसे में भारत किसी अन्य टीम के साथ श्रृंखला खेलने की योजना बना सकता है।

भारत की टेस्ट टीम की असली परीक्षा जनवरी 2018 से शुरू होगी जब वह चार टेस्ट मैच, पांच वनडे और दो टी 20 खेलने के लिये दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जाएगी। भारत ने अब तक दक्षिण अफ्रीका में छह टेस्ट श्रृंखलाएं खेली हैं जिनमें से पांच में उसे हार मिली जबकि एक बराबरी पर छूटी थी। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कुल 17 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से उसे दो में जीत और आठ में हार मिली है।

इन आंकड़ों से साफ हो जाता है कि भारत के लिये दक्षिण अफ्रीका की तेज पिचों पर खेलना कितना मुश्किल रहा है लेकिन संभवत: कोहली इन्हीं पिचों पर खेलने के लिये अपने खिलाडि़यों को तैयार कर रहे हैं।

भारतीय टीम को मार्च 2018 में तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी 20 के लिये श्रीलंका की मेजबानी करनी है और इसके बाद जून में उसे एशिया कप खेलना है। इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के तुरंत बाद उसे पांच टेस्ट मैच खेलने के लिये इंग्लैंड का दौरा करना है और इसमें कोई संदेह नहीं कि अंग्रेज टीम तब वर्तमान श्रृंखला की हार का बदला लेने के लिये आतुर रहेगी। इस दौरे में भारत पांच वनडे और एक टी 20 मैच भी खेलेगा।

इंग्लैंड से लौटकर भारत तीन टेस्ट, एक वनडे और एक टी 20 के लिये वेस्टइंडीज की मेजबानी करेगा और उसके बाद नवंबर में आॅॅस्‍ट्रेलिया का दौरा करेगा जहां उसे चार टेस्ट मैच खेलने हैं। आॅॅस्ट्रेलिया की  टीम अब बदलाव के दौर से उबरती हुई लग रही है और एेसे में भारत के लिये यह एक और चुनौतीपूर्ण दौरा होगा। वैसे भी भारत अब तक ऑस्‍ट्रेलिया में कोई टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती है।

आॅॅस्ट्रेलिया सरजमीं पर भारत ने 11 श्रृंखलाएं खेली हैं जिनमें से नौ में उसे हार मिली है और दो ड्रा करायी हैं। भारत ने आॅॅस्ट्रेलिया में अब तक 44 टेस्ट मैच खेले हैं और उनमें केवल पांच में उसे जीत मिली है जबकि 28 टेस्ट उसने हारे हैं। कोहली इस रिकार्ड में ही सुधार करना चाहते हैं। 

रिकार्ड के लिये बता दें कि भारत को इंग्लैंड में जून-जुलाई 2019 में होने वाले आईसीसी विश्व कप से पहले जनवरी में न्यूजीलैंड में पांच वनडे और तीन टी 20, फरवरी-मार्च 2019 में आॅॅस्टेलिया के खिलाफ अपनी सरजमीं पर पांच वनडे और दो टी 20 और फिर जिम्बाब्वे से एक टेस्ट और तीन वनडे खेलने हैं। भाषा एजेंसी 

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