टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज मनीष पांडे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ लगतार दूसरे मैच में सुपर ओवर में मिली जीत को टीम का कभी हार ना मानने वाले जज्बा करार देते हुए कहा कि उनकी कोशिश श्रृंखला का 5-0 से जीतने की होगी।
रविवार को होगा श्रृंखला का आखिरी मैच
न्यूजीलैंड की टीम ने एक बार फिर आसानी से लक्ष्य हासिल करने वाली स्थिति से शुक्रवार को मैच गंवा दिया जिससे पांच मैचों की टी-20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में भारत की बढ़त 4-0 की हो गई। दोनों टीमें रविवार को श्रृंखला का आखिरी मुकाबले माउंट मौनगानुई में खेलेगी। पांडे ने टीम को खराब शुरुआत से उबार कर 36 गेंद में नाबाद 50 रन बनाए। जिससे भारत ने आठ विकेट पर 165 रन बनाया।
हमारे पास श्रृंखला को 5-0 से जीतने का मौका
उन्होंने मैच के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, यही हमारा मंत्र है, सिर्फ इन दो मैचों में नहीं हम किसी भी मैच में आखिरी गेंद तक हार नहीं मानेंगे। अगर आप इस मानसिकता से खेलेंगे तो आपको इस तरह के सुपर ओवर वाले मैच मिलेंगे और आपके पास वहां से जीतने का मौका होगा। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास श्रृंखला को 5-0 से जीतने का मौका है और ऐसा करना बेहद ही शानदार होगा। पांचवें मैच में हमारी कोशिश यही होगी। किसी भी टीम ने इससे पहले ऐसा नहीं किया है ऐसे मुझे लगता है इसकी शुरुआत करना शानदार होगा।
पहले से आश्वस्त थे कि मैच सुपर ओवर में जाएगा
पांडे से जब पूछा गया कि क्या खिलाड़ियों को इस बात का भरोसा था कि वे एक बार फिर सुपर ओवर में जीतेंगे तो उन्होंने कहा, बीच के ओवरों में लगा कि मैच हमारे हाथ से निकल जाएगा। लेकिन पिछले मैच में हम ऐसा करने में सफल रहे थे जिससे हमारा विश्वास और बढ़ा कि हम मैच को सुपर ओवर तक लेकर जा सकते हैं। हम आखिरी के कुछ गेंदों से पहले आश्वस्त थे कि मैच सुपर ओवर में जाएगा।
जताई टॉप ऑर्डर में खेलने की इच्छा
भारतीय टीम ने 88 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे। मनीष पांडे ने 36 गेंद पर 50 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 165 रन तक पहुंचाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि मनीष पांडे ने अर्धशतकीय पारी खेलकर भारत को मुश्किल से निकाला था। उन्होंने कहा, मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मुझे अच्छा करना ही होगा। मुझे नंबर छह पर बल्लेबाजी करने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार करना होता है। आमतौर पर मैं नंबर तीन और चार पर बल्लेबाजी करता हूं। यहां टॉप ऑर्डर में इतना कॉम्पिटिशन है कि आपको अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। आज मेरे लिए मौका था और मैं खुद को इस बात के लिए लगातार तैयार करता रहता हूं कि मुझे छह नंबर पर कैसे बल्लेबाजी करनी है। किस तरह के शॉट मैं खेल सकता हूं, किस तरह से गेंदबाज सामने होंगे और कितने ओवर्स बचे रहेंगे।