चैपल जब भारतीय टीम के कोच बने तो उनके गांगुली के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे। यह वही दौर था जबकि गांगुली को राष्टीय टीम की कप्तानी से हटा दिया गया था। गांगुली ने यहां अपनी किताब ए सेंचुरी इज नॉट इनफ के विमोचन के अवसर पर कहा, मुझे एक बार कोच के चयन का मौका मिला था। मुझे लगता है कि मैंने 2005 में (चैपल की नियुक्ति के समय) गड़बड़ी की थी। मुझे फिर से यह मौका मिला है। मैंने एक बार एक साक्षात्कार (चैपल का) लिया और उसका परिणाम अच्छा नहीं रहा।
गांगुली ने उम्मीद जतायी कि क्रिकेट सलाहकार समिति इस बार सही व्यक्ति का चयन करेगी। उन्होंने कहा, आशा है कि इस बार हम सही व्यक्ति का चयन करेंगे। वह कोई भी हो सकता है। सौभाग्य से मुझे सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के और अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का समर्थन हासिल है। मिलकर हम सही व्यक्ति का चयन करेंगे। गांगुली ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो ढाई साल पहले मैंने खुद सोचा था कि क्या मैं इस पद को चाहता हूं और आज मैं किसी एक का चयन करने जा रहा हूं। जिंदगी इसी तरह से चलती है। मैंने साक्षात्कार नहीं दिया। आशा है कि एक दिन मैं साक्षात्कार दूंगा।
गांगुली ने कहा, जिंदगी में कुछ भी तय नहीं है। कोई नहीं जानता कि एक या दो साल बाद क्या होगा। किसी ने भी नहीं सोचा था कि मैं बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनूंगा और विश्व टी20 फाइनल की मेजबानी करूंगा। यही जिंदगी है और आपको इसी तरह से आगे बढ़ना होता है। इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें कल रात नींद नहीं आयी क्योंकि आज उन्हें कोच का इंटरव्यू करना था। यह कुछ हद तक उसी तरह का अहसास था जैसे 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में टेस्ट पदार्पण से पहले था। उन्होंने कहा, कल रात जब सब सो रहे थे तब मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने उसे (लार्ड्स में शतक को) यूट्यूब पर देखा। यह 12 मिनट का वीडियो है और उसके बाद मुझे नींद आयी। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। गांगुली ने कहा, मैं भी एक साधारण इंसान हूं जो अपने पेशे में अच्छा काम करना चाहता है। ऐसा पेशा जिसे मैं सबसे ज्यादा चाहता हूं। उस शाम (लार्ड्स में) मेरा आत्मविश्वास जागा कि यदि मैं कड़ी मेहनत करता हूं तो अगले दस साल खेल सकता हूं। उन्होंने कहा, जब मैंने लार्ड्स पर अपना पहला शतक जमाया तो मुझे उसके बाद का संवाददाता सम्मेलन अच्छी तरह याद है। पहला सवाल था आपने अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, आप इस बारे में क्या कहना चाहते हैं? लेकिन मेरे दिमाग में पहली बात यह आयी थी कि मैं इस लायक हूं।