देश के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी बिंद्रा शूट आफ में यूक्रेन के सरहिये कुलीश से पिछड़ गये। दोनों 16 शाट के बाद 163.8 अंक से संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थे। अपना पांचवां और अंतिम ओलंपिक खेल रहे बिंद्रा अपने शानदार कैरियर के बेहतरीन समापन से वंचित रह गये। वह पोडियम की रेस में बाहर होने वाले पांचवें निशानेबाज रहे। अगर वह शूट आफ जीत जाते तो कांस्य पदक जीत सकते थे। इस 33 वर्षीय भारतीय ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह एक समय दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में नीचे खिसक गये। वह एलिमिनेशन राउंड में चौथे स्थान पर थे लेकिन दूसरे एलिमिनेशन राउंड में दूसरे स्थान पर पहुंच गये थे।
हालांकि पदक जीतने का सपना टूटने के बावजूद भारत के स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं। बिंद्रा ने पत्रकारों से कहा, ऐसा होता है। किसी को चौथे नंबर पर रहना था और मैं रहा। मैने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा , मैने पूरी कोशिश की और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। यह अच्छा और कठिन दिन था। मैंने अपना सब कुछ दिया और ओलंपिक में दुनिया में चौथे स्थान पर रहकर अपने कैरियर से विदा ली। पदक जीतता तो और अच्छा होता। मैं बहुत करीब पहुंचा लेकिन मैं खुश हूं।
एजेंसी