केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के बाद डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महासंघ के सदस्य क्या करना चाहते हैं, ये उनका निर्णय है; इससे मेरा कोई लेना देना नहीं और संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। वहीं, साक्षी मलिक ने संन्यास वापसी पर बयान दिया है।
भाजपा सांसद और पूर्व महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हुए और संस्था का गठन किया गया। अब यह उनका (महासंघ के सदस्यों का) निर्णय है कि वे सरकार से बात करना चाहते हैं या कानूनी कार्रवाई करना चाहते हैं। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।"
#WATCH | After the Union Sports Ministry suspends the newly elected body of the Wrestling Federation of India, former WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh says, "The elections were held in a democratic way on the direction of the Supreme Court and the body was formed...Now it's… pic.twitter.com/gTJDgptO8R
— ANI (@ANI) December 24, 2023
बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि खेल आयोजन फिर से शुरू होने चाहिए। मैंने पहलवानों के लिए 12 साल काम किया है। समय बताएगा कि मैंने न्याय किया है या नहीं। अब फैसले और सरकार से बातचीत महासंघ के चुने हुए लोग करेंगे।"
वहीं, इस पूरे आंदोलन में प्रमुख नाम रहीं पहलवान साक्षी मलिक का कहना है, "ये पहलवानों की भलाई के लिए हुआ है। हम तो कह रहे थे कि ये बेटियों-बहनों की लड़ाई है। ये पहला कदम है (रिटायरमेंट की घोषणा पर)। जो फेडरेशन बनेगा उसके हिसाब से क्या फैसला होगा, मैं आपको बताऊंगी।"
#WATCH | Delhi: On suspension of the newly elected body of Wrestling Federation of India (WFI) by Union Sports Ministry, Wrestler Sakshee Malikkh says, "This has happened for the betterment of the wrestlers. We had been saying that this was the fight of the daughters and sisters.… pic.twitter.com/MU3LLh0x21
— ANI (@ANI) December 24, 2023
बता दें कि खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, क्योंकि नवनिर्वाचित निकाय ने "पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना" अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की "जल्दबाजी में घोषणा" की थी। डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था।
Union Sports Ministry suspends the newly elected body of Wrestling Federation of India after the newly elected president Sanjay Singh announced U-15 and U-20 nationals to take place in Nandini Nagar, Gonda (UP) before the end of this year. pic.twitter.com/eMZyNK914Z
— ANI (@ANI) December 24, 2023
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया है। हमने फेडरेशन को समाप्त नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।"
इसमें कहा गया, "यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है, उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना, जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना है।"
इससे पहले, ओलंपियन साक्षी मलिक ने एक भावनात्मक प्रेस वार्ता में कुश्ती से संन्यास की घोषणा की, उन्होंने दावा किया कि केंद्र बृज भूषण के सहयोगी को कुश्ती महासंघ के पदाधिकारी के रूप में स्थापित नहीं करने के अपने वादे से पीछे हट गया। बाद में, डब्ल्यूएफआई के नए प्रमुख के रूप में संजय सिंह के चुनाव पर अपनी शंका व्यक्त करते हुए, साथी ओलंपियन बजरंग पुनिया ने विरोध में अपना पद्म श्री लौटा दिया।
स्टार पहलवानों ने पहले पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जो बृज भूषण के खिलाफ सामने आए थे और उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।