भारतीय फर्राटा धाविका दुती चंद ने रविवार को यहां 18वें एशियाई खेलों में महिला 100 मीटर दौड़ का रजत पदक जीता । जो देश का इन खेलों में 20 साल में पहला पदक है। 100 मीटर फर्राटा दौड़ का रजत पदक जीतने के बाद दुती ने कहा कि वह आंखे बंद करके दौड़ रही थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुती को डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
इस नीति की वजह से 2014 में निलंबित हुई थीं दुती
आईएएएफ ने 2014 में अपनी हाइपरएंड्रोगेनिज्म नीति के तहत दुती को निलंबित कर दिया था, जिस वजह से उन्हें उस साल के राष्ट्रमंडल खेलों के भारतीय दल से बाहर कर दिया गया था।
इस नीति के तहत उन महिलाओं को प्रतिस्पर्धा की इजाजत नहीं मिलती, जिनमें पुरुष हार्मोन का स्तर स्वीकृत सीमा से ज्यादा है। एंड्रोजन का स्तर अधिक होने के कारण राष्ट्रमंडल खेल 2014 की टीम में जगह न मिलने के बाद दुती ने आईएएफ की नीति के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी। स्विट्जरलैंड स्थित खेल पंचाट ने इसके बाद अंतिम फैसला लिए जाने तक आईएएफ की हाइपरएंड्रोगेनिज्म नीति को दो साल के लिए निलंबित कर दिया और दुती को लगभग एक साल के ब्रेक के बाद अपना एथलेटिक्स करियर दोबारा शुरू करने की इजाजत दी।
मैं आंखें बंद कर दौड़ रही थी: दुती चंद
दुती ने कहा, ‘2014 मेरे लिए बहुत बुरा साल था। लोग मेरे बारे में कई तरह की बात कर रहे थे। उसी लड़की ने आज वापसी की और देश के लिए पदक जीतने में सफल रही। यह मेरे लिए बड़ी सफलता है।’
उन्होंने कहा, ‘सेमीफाइनल के शुरुआती 20 मीटर में मैं तेज नहीं दौड़ी थी। मेरे कोच ने मुझे इस बारे में बताया और कहा कि मुझे तेज शुरुआत करनी होगी। फाइनल में शुरुआती 40 मीटर में मैं काफी तेज दौड़ी। मैं आंखे बंद कर के दौड़ रही थी। पदक के बारे में सोचे बिना मैं अपने समय को बेहतर करना चाह रही थी। जब मैंने आंखे खोलीं तो दौड़ पूरी हो चुकी थी।‘