वाइल्ड कार्ड एट्री पाने वाले भारतीय मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी ने मंगलवार को ट्यूनीशिया के बिलेल महमदी को हराकर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के साथ ही भारत के लिए एक पदक भी पक्का कर लिया है।
भारत की तरफ से रिंग में उतरे गौरव बिधूड़ी ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया। गौरव ने अपने प्रतिद्वंद्वी को कई बार पीछे हटने के लिए मजबूर किया। उनके प्रतिद्वंद्वी महमदी के माथे पर शुरू में हल्की चोट भी लग गई थी। महमदी को अपना सिर झुकाए रखने के लिए दूसरे राउंड में चेतावनी भी मिली। चेहरा खून से सना होने के बावजूद ट्यूनीशियाई मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में कुछ अच्छे पंच लगाए लेकिन गौरव ने करारा जवाब देकर जीत अपने नाम की।
24 साल के गौरव विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारत के चौथे मुक्केबाज हैं।। गौरव ने बैंथमवेट (56 किग्रा) के क्वॉर्टर फाइनल में जजों के फैसले के आधार पर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीतने वाले गौरव दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले विकास कृष्ण ने 2011 में चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीता था। विकास के अलावा विजेंदर सिंह (2009) और शिव थापा (2015) इस चैंपियनशिप में देश के अन्य पदक विजेता हैं। इन सभी ने कांस्य पदक जीते थे, ऐसे में अब देखना होगा कि गौरव इससे बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं या नहीं।
मैच के बाद गौरव ने कहा, "यह अविश्वसनीय है. मैं पिछले 7-8 महीनों से भयानक पीठ दर्द से जूझ रहा था।" उन्होंने कहा, "लेकिन कोई भी चीज़ मुझे रोक नहीं सकती, क्योंकि मैं यहां इतिहास रचने के लिए प्रतिबद्ध था. अब मैं अपने सपने के करीब हूं. मैंने अपने दिमाग को काबू में रखा और मैच पर ध्यान लगाए रखा. मैंने पहले दो राउंड जीते और फिर अपना ध्यान बढ़त बनाए रखने पर केंद्रित किया।"
भारत के अन्य मुक्केबाज की बात करें तो अमित फंगल (49 किग्रा) क्वॉर्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए हैं। एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता को उज्बेकिस्तान के ओलिंपिक चैंपियन और दूसरी वरीयता प्राप्त हसनबॉय दुसमातोव ने हराया, जिससे इस 21 वर्षीय मुक्केबाज के अब तक के शानदार अभियान का अंत हुआ।