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अनुच्छेद 370 पर बोलने वाले इस पूर्व पाक खिलाड़ी को गौतम गंभीर ने दिया करारा जवाब

क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी पर कटाक्ष किया...
अनुच्छेद 370 पर बोलने वाले इस पूर्व पाक खिलाड़ी को गौतम गंभीर ने दिया करारा जवाब

क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी पर कटाक्ष किया जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से इस मामले में दखल देने की अपील की थी। गौतम गंभीर ने उन्हें तगड़ा जवाब देते हुए पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की भी याद दिलाई।

दिलाई पीओके की याद

गंभीर ने ट्वीट कर कहा कि अफरीदी एक बार फिर हाजिर हैं, बिना किसी वजह के अकारण आक्रामकता के साथ। यह मानवता के खिलाफ अपराध है। इन्होंने काफी कुछ कहा, लेकिन यह बताना भूल गए कि यह सब पीओके में हो रहा है। चिंता मत करो, इसे भी हम सुलझाएंगे बेटा।

यह था अफरीदी का ट्वीट

राज्यसभा द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित करने के कुछ घंटे बाद ही अपने ट्वीट में अफरीदी ने कहा था कि कश्मीरियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के आधार पर उनके अधिकार दिए जाने चाहिए। आजादी का अधिकार जो हम सभी को है। संयुक्त राष्ट्र की रचना क्यों की गई है और यह क्यों सो रहा है? कश्मीर में लगातार जो मानवता विरोधी अनुत्तेजित आक्रामता और अपराध हो रहे हैं। उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। डॉनल्ड ट्रंप (अमेरिका के राष्ट्रपति) को इस मामले में जरूरी रूप से मध्यस्थ की भूमिका अदा करनी चाहिए।

पहले भी देते रहे हैं विवादित बयान

बता दें कि अफरीदी पहले भी कश्मीर को लेकर कई बार विवादित बयान देते रहे हैं। कभी वह कश्मीर को पाकिस्तान के हक में बात करते हैं, तो कभी वह आजाद कश्मीर का समर्थन करते हैं। इस पूर्व खिलाड़ी ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए। वह तो अपने चार प्रांतों को भी नहीं संभाल पा रहा है। लेकिन मानवता बड़ी चीज है। 

सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा

मालूम हो कि सोमवार को जम्मू कश्मीर से भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 हटा दिया गया और राज्य सभा में जम्मू कश्मीर के लिए पुनर्गठन बिल पास हो गया। जम्मू कश्मीर के अब दो हिस्से होंगे। जम्मू कश्मीर व लद्दाख दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश होंगे।

पहले ट्रम्प ने दिया था ये बयान

ट्रम्प ने कुछ दिन पहले ही आसन्न कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। हालांकि, नई दिल्ली ने कहा कि यह केवल दो एशियाई देशों के बीच का मसला है और इस बारे में किसी भी तरह की बातचीत केवल इस्लामाबाद के साथ द्विपक्षीय रूप से होगी।

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