रियो पैरालम्पिक में गोल्ड जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया इस राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड के लिए चुने गए हैं। खेल रत्न अवॉर्ड के लिए चुने जाने के बाद भारत के स्टार पैरा एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने एएनआई से कहा कि सम्मान पाने की खुशी है, पर ये सम्मान मुझे 12 साल पहले मिलता, तो और अधिक खुशी होती क्योंकि उस साल मैंने एथेंस पैरालिम्पिक्स में गोल्ड जीता था. बता दें कि देवेंद्र पैरालिम्पिक्स खेलों में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
36 वर्षीय देवेंद्र ने बताया कि प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित होने के बाद अब अपने अपने देश के प्रति उनकी ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। उनका लक्ष्य अपने देश के लिए खेलना जारी रखना है और भारत के लिए कई पदक लाना चाहता हूं। 2016 पैरालंपिक में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया (36) जेवलिन थ्रो की एफ-46 इवेंट में भाग लेते हैं। वह 2004 में एथेंस में भी गोल्ड जीत चुके हैं। रियो डे जेनेरियो में जैवलिन थ्रो के एफ 46 इवेंट में 63.97 मीटर जैवलिन फेंककर एथेंस ओलंपिक में 62.15 मीटर के 2004 के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए देवेंद्र ने गोल्ड मेडल जीता था।
राजस्थान के चुरू जिले के देवेंद्र जब आठ साल के थे, तो पेड़ पर चढ़ने के दौरान एक बिजली के तार की चपेट में आ गए थे. उनको बचाने के लिए डॉक्टरों को उनका बायां हाथ काटना पड़ा। देवेंद्र झाझरिया भारत के पैरालम्पिक जेवलिन थ्रोअर (भाला फेंक) हैं। वो एकमात्र ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने पैरालंपिक्स में दो गोल्ड मेडल जीते हैं। झाझारिया ने एथेंस में 2004 समर पैरालंपिक्स में पहला मेडल और फिर 2016 समर पैरालंपिक्स में रियो में दूसरा गोल्ड मेडल जीता। इन दोनों मौकों पर उन्होंने नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था। फिलहाल, जेवेलिन थ्रो (भाला फेंक) की वर्ल्ड रैंकिंग में वे तीसरे पायदान पर हैं।