भारतीय महिला वनडे क्रिकेट टीम की कैप्टन मिताली राज ने मंगलवार को सीओए सदस्य डायना एडुल्जी पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने साथ ही महिला टीम के मुख्य कोच रमेश पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व क्रिकेटर ने उन्हें अपमानित किया।
महिला वर्ल्ड टी-20 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले टीम से बाहर की गईं मिताली ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि एडुल्जी ने उनके खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया।
मिताली ने राहुल जोहरी और क्रिकेट ऑपरेशंस जीएम को पत्र लिखकर रखा अपना पक्ष
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 35 वर्षीय मिताली को वेस्ट इंडीज में खेले गए वर्ल्ड टी-20 में लगातार अर्धशतक के बावजूद सेमीफाइनल में मौका नहीं दिया गया जिस मैच में भारत को 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी। मिताली ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट ऑपरेशंस जीएम सबा करीम को एक पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा।
‘क्रिकेट करियर में पहली बार मुझे बेहद दु:ख और निराशा महसूस हो रही है’
मिताली ने लिखा, '20 साल के लंबे क्रिकेट करियर में पहली बार मुझे बेहद दु:ख और निराशा महसूस हो रही है। मुझे यह सोचने पर मजबूर किया गया कि देश के लिए मेरी सेवा पावर में बैठे कुछ लोगों के लिए मायने रखती है जो मुझे बर्बाद करने और मेरा आत्मविश्वास तोड़ने पर लगे हैं।'
‘मैं पहली बार देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहती थी’
उन्होंने लिखा, 'मुझे टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के खिलाफ कुछ नहीं कहना है, केवल उनके उस फैसले के जिसमें उन्होंने कोच के मुझे प्लेइंग-XI से बाहर करने के निर्णय का समर्थन किया। मैं पहली बार देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहती थी और मुझे दुख यह भी है कि हमने स्वर्णिम मौका गंवा दिया।'
जानें क्या था विवाद
भारतीय महिला टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार गई थी। विवाद इसलिए हुआ क्योंकि मैच से एक दिन पहले मिताली राज को फिट घोषित करने के बावजूद उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली ने मिताली को टीम से बाहर रखने पर सवाल उठाए। संजय मांजरेकर पहले ही साफ कर चुके हैं कि उस विकेट पर मिताली से अच्छा खेलने वाली दूसरी प्लेयर नहीं थी।