भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब वो जल्द ही क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर सकते हैं। कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से घिरे भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध बीसीसीआई ने घटाकर सात साल का कर दिया। अब उनका प्रतिबंध अगले साल सितंबर में खत्म हो जाएगा। बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने कहा कि बतौर पेसर श्रीसंत अपनी उम्र का एक अहम काल सजा के तौर पर बिता चुके हैं, ऐसे में अब उनकी सजा कम कर देनी चाहिए।
2013 में लगा था प्रतिबंध
बीसीसीआई ने 36 वर्षीय श्रीसंत पर अगस्त 2013 में राजस्थान रॉयल्स टीम के अपने साथी अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के साथ उस साल के आईपीएल में कथित स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त होने के कारण प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इस साल 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की अनुशासन समिति के आदेश को बदला। अब सात अगस्त को पारित एक आदेश में जैन ने कहा कि यह प्रतिबंध सात वर्ष का होगा और वह अगले साल से क्रिकेट खेल सकेंगे।
उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है
जैन ने कहा कि अब श्रीसंत 35 पार के हो चुके हैं। बतौर क्रिकेटर उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है। मेरा मानना है कि किसी भी तरह के व्यावसायिक क्रिकेट या बीसीसीआई या उसके सदस्य संघ से जुड़ने पर श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध 13 सितंबर 2013 से सात बरस का करना न्यायोचित होगा।
ऐसा रहा करिअर
36 वर्ष के श्रीसंत ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में वनडे मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।उन्होंने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया। श्रीसंत ने भारत के लिए 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी20 मैच खेले थे। भारत के लिए उन्होंने आखिरी वनडे मैच 2 अप्रैल 2011 को खेला था। वहीं भारत के लिए उन्होंने आखिरी टी20 मैच एक फरवरी 2008 को खेला था। श्रीसंत ने वनडे विश्व कप 2011 के बाद से भारत के लिए एक भी वनडे मैच नहीं खेला था। उन्होंने टेस्ट में टीम के लिए 87 विकेट, वनडे में 75 जबकि टी-20 में सात विकेट लिए थे।