चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी का रोमांचक फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया, जिसका नतीज शूटआउट से आया। ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से भारत पर जीत दर्ज की। भारत की तरफ से मनप्रीत ने शूटआउट में गोल किया। मैच की अवधि (60 मिनट) पूरी होने तक दोनों टीम 1-1 की बराबरी पर थीं इसलिए मुकाबला शूटआउट तक गया।
1-0 की बढ़त बना ली थी लेकिन दूसरे हाफ में भारत की तरफ से विवेक प्रसाद के शानदार गोल ने मुकाबले को बराबरी पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से गोवर्स ने गोल किया।
इससे पहले भारतीय टीम ने शनिवार को 8 बार के चैंपियन नीदरलैंड्स को 1-1 से ड्रॉ पर रोकने के साथ फाइनल में जगह बनाई थी।
यह दूसरा मौका है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला। इससे पहले साल 2016 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शिकस्त देकर खिताब पर कब्जा किया था। भारत अब तक चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब नहीं जीत सका है।
भारत ने कुल आठ अंकों के साथ फाइनल में जगह बनाई थी जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 10 अंकों के साथ पहले ही फाइनल में जगह बना ली थी। ग्रुप मुकाबलों में भारतीय टीम को एकमात्र हार सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई टीम से ही मिली। तब ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत को 3-2 से शिकस्त दी थी। इसके अलावा भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है।
भारतीय टीम ने अपने पहले मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-0 और दूसरे मैच में अर्जेंटीना को 2-1 से हराने के बाद पॉइंट्स टेबल में पहला स्थान हासिल कर लिया था लेकिन इसके बाद उसे मौजूदा विजेता ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा और बेल्जियम के खिलाफ खेला गया मैच 1-1 से ड्रॉ रहा।
इसके बाद टीम इंडिया ने 'करो या मरो' के मुकाबले में मेजबान नीदरलैंड्स के खिलाफ आखिरी पूल मैच में 1-1 से ड्रॉ खेलकर फाइनल में जगह पक्की की थी। चैंपियंस ट्रॉफी 1978 में शुरू हुई थी। भारत ने तब से इस टूर्नामेंट में 36 बार भाग लिया है, लेकिन एक बार भी जीतने में सफल नहीं हुआ। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 में रहा था, तब भारत खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था।