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हॉकी इंडिया से विवाद निपटारे का इच्छुक है पाकिस्तान

क्रिकेट कूटनीति में दाल नहीं गलती देख अब पाकिस्तान ने भारतीय हॉकी लीग में भागीदारी का प्रस्ताव हॉकी इंडिया के समक्ष रखा है। पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) ने हॉकी इंडिया से गतिरोध खत्म करने के लिए बातचीत का प्रस्ताव रखा है। पिछले साल चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के दुर्व्यवहार के कारण बेशुमार दौलत वाले इंडियन लीग में उनके खिलाड़ियों की हिस्सेदारी प्रतिबंधित कर दी गई थी।
हॉकी इंडिया से विवाद निपटारे का इच्छुक है पाकिस्तान

 पीएचएफ के सचिव और जाने-माने ओलिंपियन शाहबाज अहमद ने कहा कि लीग में भागीदारी नहीं करना पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि इससे उन्हें न तो अपने खेल में सुधार का मौका मिल पाएगा और न ही अच्छी कमाई हो सकती है। हालांकि पाकिस्तानी हॉकी कप्तान मोहम्मद इमरान ने कहा कि हॉकी इंडिया की माफी की मांग बचकानी है।

इमरान ने कहा, ‘उनकी माफी की मांग बचकानी है। जब यह घटना हुई थी, उसके बाद ही एफआईएच ने अपने उन दोनों खिलाड़ियों को प्रतिबंधित कर दिया था और शफकात रसूल को फटकार लगाई थी। इसने अपने खिलाड़ियों की करतूत भी स्वीकार कर ली थी इसलिए मामला वहीं खत्म हो गया था तो अब इसे क्यों तूल दिया जा रहा है।’

अहमद ने अपनी तरफ से कहा कि ठोस कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है और सभी मसले बातचीत से ही हल हो जाएंगे। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अहमद ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ठोस कदम उठाने से कोई मसला सुलझ सकता है। दोनों संघों के लिए सबसे अच्छा यही होगा कि आपस में बैठकर बात करें और मसले को सुलझाने का प्रयास करें।’

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा था कि मुझे भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की भागीदारी अच्छी लगती है लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में उनका ऐसा दुर्व्यवहार रहा जिसके लिए उन्होंने घटना पर लिखित या किसी तरीके से खेद नहीं जताया। मैं इस मुद‍्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता लेकिन इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। कम से कम उनकी तरफ से माफी तो मांगी ही जानी चाहिए। उनके इस बयान से साफ हो गया कि कोई भी पाकिस्तानी खिलाड़ी इस वर्ष के हॉकी इंडिया लीग में नहीं खेल पाएगा।

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