ऑपरेशन सिन्दूर के चलते एक हफ्ते के लिए स्थगित हुए आईपीएल के बाद भारत छोड़कर जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई पेसर मिचेल स्टार्क ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया कि खेल दोबारा शुरू होने के बावजूद वे भारत क्यों नहीं लौटे। सिडनी मोर्निंग हेराल्ड से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा है कि उनके मन में कई सवाल और दुविधाएं थीं। इसलिए मैंने बीच टूर्नामेंट में वापस नहीं जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि साल 2025 में पाकिस्तान और दुबई में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी मैंने कुछ ऐसे ही निर्णय लिया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए आईपीएल को बीच में ही एक हफ्ते के लिए स्थगित करना पड़ा था। हालांकि दोनों देशों के बीच सीज़फायर के एलान के बाद बाकी बचे मैच शुरू हो गए। टूर्नामेंट फिर से शुरू होने के बाद अधिकतर विदेशी खिलाड़ी वापस आ गए थे लेकिन दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मिचेल स्टार्क और जेक फ्रेज़र-मैकगर्क अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स से नहीं जुड़े थे।
मिचेल स्टार्क ने कहा, "मैं अपने फैसले और उस पूरे हालात को लेकर जैसे मैंने महसूस किया, उसमें पूरी तरह से सहज हूं। इसी वजह से मैंने उस घटना के बाद यह फैसला लिया, और फिर मेरा ध्यान रेड-बॉल क्रिकेट पर केंद्रित हो गया, जो यहां आने से एक हफ्ता पहले शुरू हुआ। समय बताएगा कि इसका क्या असर होगा या जो खिलाड़ी वापस नहीं लौटे, उन्हें लेकर यह कैसे देखा जाएगा। लेकिन उस मैच से पहले ही मेरे मन में कुछ सवाल और चिंताएं थीं, और जैसा कि हम सबने देखा, जो कुछ हुआ, उसने भी मेरे फैसले को प्रभावित किया।"
गौरतलब है कि मिचेल स्टार्क दिल्ली और पंजाब के उस मैच में हिस्सा ले रहे थे जब एयर रेड वार्निंग के बाद धर्मशाला के क्रिकेट ग्राउंड को पूरी तरह से खाली करा दिया गया था। अपने-अपने जगहों पर पहुंचने के लिए दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ियों को 6 घंटे कार और 6 घंटे ट्रेन में बिताने पड़े थे। टूर्नामेंट के स्थगित होते ही मिचेल स्टार्क और उनकी पत्नी एलिसा हीली तुरंत ऑस्ट्रेलिया लौट गए थे।