पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगड़ की बेटी अनाया बांगड़ के एक साहसिक इंटरव्यू ने क्रिकेट की दुनिया में तूफान ला दिया है। अनाया, जो जन्म के समय आर्यन बांगड़ थीं, अब एक ट्रांसवुमन के रूप में अपनी पहचान के साथ सामने आई हैं। उन्होंने हार्मोन थेरेपी और जेंडर-एफ़र्मिंग सर्जरी के बाद महिला के रूप में अपनी पहचान बनाई। अनाया ने क्रिकेट की दुनिया में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें लिंग परिवर्तन के बाद मानसिक प्रताड़ना, अपमान और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
एक साक्षात्कार में अनाया ने खुलासा किया कि एक वरिष्ठ भारतीय क्रिकेटर ने उन्हें अपने साथ कार में चलने का ऑफर दिया और शारीरिक संबंध की मांग की। उन्होंने यह भी बताया कि कई क्रिकेटरों ने उन्हें अश्लील तस्वीरें भेजीं, भद्दे मैसेज किए और धमकियां दीं। "जब मैंने ट्रांजिशन किया, तो मुझे लगा कि अब लोग मेरी सच्चाई स्वीकार करेंगे, लेकिन मुझे ट्रोल किया गया, डराया गया और बार-बार यह जताया गया कि मैं इस जगह की नहीं हूं," अनाया ने कहा।
अनाया ने इंग्लैंड के हिन्कले क्रिकेट क्लब और मुंबई के इस्लाम जिमखाना के लिए क्रिकेट खेला है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्हें अपनी पहचान छुपानी पड़ी क्योंकि उनके पिता संजय बांगड़ एक प्रसिद्ध क्रिकेट कोच और खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने कहा, "क्रिकेट की दुनिया में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कोई स्पेस नहीं है। यहां मर्दानगी के नाम पर विष और असुरक्षा भरी पड़ी है।"
अनाया ने आगे बताया कि इस सबके बीच उनका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वह आज अपनी पहचान को लेकर न सिर्फ मुखर हैं, बल्कि LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों के लिए भी आवाज़ उठा रही हैं। उनके इस साहसिक कदम की सोशल मीडिया पर तारीफ भी हो रही है, हालांकि कुछ लोग अब भी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
इस मामले ने क्रिकेट जगत में न केवल लैंगिक पहचान के प्रति असहिष्णुता को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि नाम और पहचान के बावजूद एक व्यक्ति को कितना संघर्ष करना पड़ता है जब वह सामाजिक ढांचे से बाहर अपनी सच्चाई को जीने की कोशिश करता है।