केंद्रीय खेल मंत्रालय ने संकेत दिया है कि निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह के साथ बातचीत की संभावना नहीं है और इसकी भी संभावनाएं कम हैं कि संघ को फिर बहाल किया जाएगा।
मंत्रालय के एक सूत्र ने एएनआई को इस बारे में बताया। सूत्रों के अनुसार, संजय सिंह को अध्यक्ष पद पर बहाल किए जाने की संभावना नहीं है, भले ही वह मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सहमत हों। मंत्रालय इस बात पर दृढ़ है कि तदर्थ समिति भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के रोजमर्रा के मामलों को चलाएगी और यह नए चुनाव कराने की दिशा में काम करेगी।
हालांकि, अगर संजय सिंह अदालत जाते हैं और उनकी याचिका पर फैसला उनके पक्ष में आता है तो मामला खेल मंत्रालय के हाथ से बाहर हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि यह निर्णय खेल और उससे जुड़ी गतिविधियों की व्यापक भलाई के लिए लिया गया है, जो लगभग ग्यारह महीने से पूरी तरह से बंद है।
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने पहले देश में खेल की प्रमुख शासी निकाय के साथ-साथ उसके सभी पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया था। वहीं, अपने फैसले के बाद मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए एक तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया।
हालिया घटनाक्रम के आलोक में, आईओए ने बुधवार को तत्काल प्रभाव से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के रोजमर्रा के मामलों को चलाने के लिए नव निर्मित तदर्थ समिति के अध्यक्ष के रूप में भूपिंदर सिंह बाजवा की घोषणा की। आईओसी की घोषणा केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा पूरे डब्ल्यूएफआई की गवर्निंग काउंसिल को निलंबित करने के बाद आई।
मंत्रालय के अनुरोध पर आईओए ने तदर्थ समिति का गठन किया। नवगठित तदर्थ समिति में एमएम सोमाया और मंजूषा कंवर डब्ल्यूएफआई को चलाने में बाजवा की सहायता करेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों के समापन के बाद से भारत की कुश्ती में एक बड़ा बदलाव देखा गया है। पूर्व WFI प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह को नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया, जिससे उन पहलवानों में बड़ी निराशा हुई जो पूर्व WFI प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
डब्ल्यूएफआई चुनावों में सिंह की जीत के बाद, राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भावुक साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा करते हुए रो पड़ीं। हालांकि, केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के बाद WFI संस्था में एक बड़ा मोड़ आया।
इस बीच, दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने भी अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया, जिसके बाद दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया ने भी विरोध में अपना पद्मश्री लौटा दिया।