टॉप समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को लिखे पत्र में बिंद्रा ने कहा कि उन्होंने पैनल से त्यागपत्र देने का फैसला किया है क्योंकि रियो ओलंपिक की तैयारियों के कारण वह इस कार्यक्रम में सार्थक योगदान देने के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। भारत की तरफ से व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्रा खिलाड़ी बिंद्रा ने अपने पत्रा में कहा, जैसा कि आप जानते हैं कि ओलंपिक खेलों में दस महीने का समय बचा है। मैं अब पूरी तरह से अपने अभ्यास पर ध्यान देना चाह रहा हूं। मैं टाॅप कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर इसलिए सहमत हुआ कयोंकि मैं इसमें खिलाडि़यों के लिहाज से सार्थक योगदान देना चाहता था।
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में हमेशा उत्कृष्टता हासिल करने का समर्थन किया और हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहा। मेरे पास कार्यक्रम में सक्रिय योगदान देने के लिये अगले साल समय नहीं रहेगा और इसलिए मुझे नहीं लगता कि समिति का सदस्य बने रहना उचित होगा।’
बिंद्रा ने कहा, मुझे लगता है कि समिति किसी ऐसे व्यक्ति की मौजूदगी में बेहतर काम कर सकती है जो सार्थक योगदान दे सके। इस पत्र को मेरे टॉप कार्यक्रम के सदस्य के रूप में मेरे त्यागपत्र के रूप में लिया जाए। टॉप समिति का गठन पिछले साल खेल मंत्रालय ने किया था और इसका अध्यक्ष भाजपा सांसद और बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर को बनाया गया था। इस समिति का काम उन खिलाडि़यों का चयन करना था जिनके रियो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है। इन खिलाडि़यों के प्रशिक्षण और विदेशों में अभ्यास का खर्चा सरकार उठाएगी। समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ और राष्टीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद हैं। मंत्रालय अब तक इस कार्यक्रम के तहत 75 से अधिक खिलाडि़यों की पहचान कर चुका है लेकिन कई कारणों से इसके लागू होने में देरी हो रही है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    