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हुआ क्रिकेट महाकुंभ का आगाज, जानिए खिताब के लिए भारतीय टीम की दावेदारी कितनी मजबूत

अभ्यास का दौर खत्म हुआ अब असल परीक्षा की बारी है। गुरुवार से इंग्लैंड और वेल्स की सरजमीं पर क्रिकेट...
हुआ क्रिकेट महाकुंभ का आगाज, जानिए खिताब के लिए भारतीय टीम की दावेदारी कितनी मजबूत

अभ्यास का दौर खत्म हुआ अब असल परीक्षा की बारी है। गुरुवार से इंग्लैंड और वेल्स की सरजमीं पर क्रिकेट इतिहास के 12वें विश्व कप के लिए दुनिया की 10 सर्वश्रेष्ठ टीमों के बीच घमासान शुरू हो जाएगा। 11 मैदानों पर 48 मुकाबलों के बाद विश्व विजेता चुना जाएगा। आज पहला मुकाबला मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीज खेला जाएगा। देखना यह होगा कि क्रिकेट की दुनिया को नया विश्व चैंपियन मिलता है या फिर ऑस्ट्रेलिया (पांच), वेस्टइंडीज (दो), भारत (दो), पाकिस्तान (एक), श्रीलंका (एक) की झोली में विश्व कप की चमचमाती ट्रॉफी जाती है। भारत का पहला मैच पांच जून को दक्षिण अफ्रिका से होगा।

भारत के साथ इंग्लैंड भी है प्रबल दावेदार

बात दावेदारों की करें तो क्रिकेट प्रेमियों की जुबां पर मेजबान इंग्लैंड, भारत, ऑस्ट्रेलिया का नाम आ रहा है। सचिन तेंदुलकर ने भी इन तीनों के साथ पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में पहुंचने का दावेदार बताया है, लेकिन वेस्टइंडीज ने अभ्यास मुकाबलों में न्यूजीलैंड के खिलाफ 421 का पहाड़ सा स्कोर खड़ा कर बता दिया है कि उन्हें भी हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। अब अभ्यास मुकाबलों ऑस्ट्रेलिया ने जहां सर्वाधिक प्रभावित किया है तो अन्य दावेदारों ने भी अपनी खामियों को दूर किया है।

ताकत

विराट की टीम इस विश्व कप में खिताब की प्रबल दावेदार है। दो अभ्यास मैचों के बाद जहां केएल राहुल के शतक ने नंबर चार को लेकर चल रही बहस को विराम दिया है तो वहीं इंग्लिश कंडीशन में स्विंग गेंदबाजी के बीच टॉप ऑर्डर की विफलता ने दुविधा की स्थिति बना रखी है। चाहें सचिन तेंदुलकर हों या फिर सुरेश रैना दोनों ने विश्व कप की सफलता में टॉप तीन बल्लेबाजी क्रम को अहम माना है। विराट ने बांग्लादेश के खिलाफ 47 रन जरूर बनाए, लेकिन शिखर और रोहित स्विंग के खिलाफ परेशान नजर आए हैं। बांग्लादेश के खिलाफ कुलदीप यादव और युजवेंदर चहल की फिरकी ने राहत दी है, लेकिन रैना के मुताबिक अगर भारतीय टीम को विश्व कप जीतना है तो उसे जिगर के साथ निडर होकर खेलना होगा।

कप्तानी में रहा बेहतरीन रिकार्ड

विराट कोहली ने अब तक 49 मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिनमें से 38 में उन्होंने जीत दर्ज की। उनका जीत प्रतिशत 79.1%  है, जो कि न्यूनतम 30 मैचों में किसी भी कप्तान के लिए सबसे अधिक है। जिस तरह से भारतीय टीम सीमित ओवरों के प्रारूप में घर और बाहर दोनों खेल रही है, यह प्रतिशत भविष्य में और भी बढ़ सकता है साथ ही विश्व कप में भी भारत इसका फायदा उठा सकता है।

कुलदीप-चहल की स्पिन जोड़ी होगी खतरनाक

कुलदीप-चहल की स्पिन जोड़ी के साथ यॉर्कर विशेषज्ञ बुमराह टीम में हैं। बुमराह डेथ ओवरों में वह रन रोकने और विकेट लेने में अहम भूमिका निभाते हैं। भुवनेश्वर और शमी के रूप में स्विंग गेंदबाज भी मौजूद हैं। टीम को संतुलन देने के लिए तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या की उपलब्धता। बल्लेबाजी ऑलराउंडर के रूप में केदार जाधव और स्पिन ऑलराउंडर के रूप में रवींद्र जडेजा के विकल्प मौजूद।

कमजोरियां

साथ ही टीम कुछ परेशानियों से भी जूझ सकते हैं। इंग्लैंड में बादल और तेज हवा होने की वजह से गेंद स्विंग होगी, जिससे धवन को परेशानी हो सकती है। धवन के असफल होने पर राहुल को ओपनिंग पर भेजा जा सकता है। ऐसे में एक बार फिर नंबर चार के स्थान की परेशानी खड़ी हो जाएगी। भारतीय टीम के सात खिलाडि़यों का यह पहला विश्व कप है। उन पर विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलने का दबाव हावी हो सकता है। जाधव चोट से उबर रहे हैं। यदि वह पूरी तरह फिट नहीं हो पाते हैं तो भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कोहली के लिए अंतिम एकादश का चयन करना हमेशा मुश्किल चुनौती रहा है। इंग्लैंड में उन्हें इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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