शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने एक घंटे 45 मिनट तक चले मैच में सातवीं वरीयता प्राप्त चेक प्रतिद्वंद्वियों को 7-6, 6-3 से हराया। यह उनका लगातार तीसरा ग्रैंडस्लैम खिताब हैं। दोनों 2015 में विम्बलडन और अमेरिकी ओपन जीत चुकी हैं।
सानिया और हिंगिस अब साथ में लगातार 36 मैच जीत चुकी है और लगातार आठ खिताब अपनी झोली में डाले हैं। उन्होंने 2015 में अमेरिकी ओपन से लेकर अब तक लगातार पांच खिताब जीते हैं। सानिया का यह दूसरा आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब है जो 2009 में महेश भूपति के साथ मिश्रित युगल भी जीत चुकी है।
दुनिया की नंबर एक टीम के लिए फाइनल हालांकि आसान नहीं था और चेक टीम ने पहले सेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। दोनों टीमें सर्विस बरकरार रखने में काम रही। आंद्रिया ने जहां बेसलाइन पर जबर्दस्त खेल दिखाया, वहीं लूसी ने कुछ जबर्दस्त विनर लगाए। सानिया ने जीत के बाद कहा, ‘मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने हमारा समर्थन किया। मेरे लिए आस्ट्रेलियाई ओपन खास है क्योंकि यहां की खास यादें जुड़ी है। हमने पूरे साल अच्छा प्रदर्शन किया। मार्तिना शानदार चैम्पियन और इंसान है और उसके साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है।
हिंगिस ने भी चेक टीम की तारीफ करते हुए कहा, ‘उन्होंने हमें कड़ी चुनौती थी। यह टूर्नामेंट कठिन था। हम अगले साल भी यहां खिताब जीतने की कोशिश करेंगे।
पहले सेट में दोनों टीमें सिर्फ दो बार सर्विस बरकरार रख सकी। पहले सेट में हिंगिस के लगातार दो डबलफाल्ट से चेक टीम को शुरुआती ब्रेक मिला। अगले गेम में उन्हें तीन और ब्रेक मिले जिन्हें उन्होंने भुनाया। हिंगिस ने चौथे गेम में फेारहैंड विनर लगाया। सानिया के डबलफाल्ट से चेक खिलाडि़यों ने फायदा लेकर 3-2 की बढत बना ली।
हिंगिस ने इसके बाद अपनी सर्विस गंवाई। सानिया और हिंगिस को ब्रेक प्वाइंट बनाने का मौका मिला लेकिन हिंगिस का रिटर्न बाहर चला गया। चेक टीम को इस समय 5-4 की बढत मिल गई थी लेकिन अगले गेम में उनकी सर्विस टूटी। हिंगिस 11वें गेम में सर्विस बरकरार रखने में कामयाब रही। सानिया और हिंगिस ने 6-5 की बढत बना ली थी। टाइब्रेक में सिर्फ एक अंक गंवाकर सानिया और हिंगिस ने पहला सेट जीता। दूसरे सेट में उन्होंने चेक टीम को दबाव बनाने का मौका ही नहीं दिया।