सिंधू ने रियो ओलंपिक के महिला बैडमिंटन के दूसरे सेमीफाइनल में जापान की खिलाड़ी नोजूमी ओकोहारा को सीधे सेटों में 21-19, 21-10 से हरा दिया। ओकोहारा पूरे मैच में कभी भी सिंधू के सामने कड़ी प्रतिद्वंद्वी नहीं नजर आईं। दूसरे सेट में उन्होंने जो 10 अंक बनाए उनमें भी सिंधू द्वारा कम से कम 7 बार की गई आसान गलतियों के कारण उन्हें यह अंक मिले। हालांकि एक समय दूसरे सेट में दोनों खिलाड़ी 10-10 से बराबरी पर थीं मगर इसके बाद सिंधू ने ओकोहारा को कोई मौका नहीं दिया और लगातार 11 अंक बनाते हुए मैच अपने नाम कर लिया।
गौरतलब है कि भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में आज तक कोई महिला या पुरुष खिलाड़ी ओलंपिक बैडमिंटन के फाइनल में नहीं पहुंचा है। इस तरह सिंधू ने सिर्फ अपने लिए ही नहीं पूरे देश के लिए गौरव का क्षण अर्जित किया है। अगर वह फाइनल में हार भी जाती हैं तब भी उन्हें रजत पदक मिलना तय है मगर देश निश्चित रूप से उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद लगाए है।
सिंधू ने ओलंपिक में अब तक का अपना सफर शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। अपने पिछले तीन मैच यानी प्री क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल उन्होंने सीधे सेटों यानी 2-0 से जीते हैं। यही नहीं क्वार्टर फाइनल में उन्होंने विश्व नंबर दो खिलाड़ी को हराया जबकि सेमीफाइनल की उनकी विपक्षी ओकोहारा भी रैंकिंग में उनसे तीन दर्जे ऊपर थीं। सिंधू को ओलंपिक में 9वीं रैंक हासिल है जबकि ओकोहारा को छठी रैंक। यही नहीं ओकोहारा का हालिया प्रदर्शन सिंधू के मुकाबले दमदार रहा है। वह ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन हैं जबकि कई टूर्नांमेंटों के सेमीफाइनल में आसानी से पहुंचती रही हैं। वैसे यह भी एक तथ्य है कि सिंधू और ओकोहारा अंडर 19 में भी एक दूसरे के खिलाफ खेल चुकी हैं और तब सिंधू की विश्व रैंकिंग एक थी जबकि ओकोहारा की दूसरी।