रियो दि जेनिरियो से लौटने के बाद करमाकर ने पत्रकारों से कहा, मैं पूरी मेहनत करूंगी ताकि इतिहास रचती रहूं। मेरा लक्ष्य हर हालत में क्वालीफाई करना था और मुझे खुशी है कि मैने लक्ष्य हासिल कर लिया। गौरतलब है कि दीपा ने ओलंपिक टेस्ट इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर रियो का टिकट कटाया।
वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट तो बनी ही, साथ ही पिछले 52 साल में इस स्पर्धा में वह पहली भारतीय भी होगी। आजादी के बाद से 11 भारतीय पुरुष जिमनास्ट ओलंपिक खेले हैं जिनमें 1952 में दो, 1956 में तीन और 1964 में छह ने भाग लिया था। करमाकर ने कहा, यह काफी कठिन था लेकिन मेरे पास शानदार मेंटर है जिनकी वजह से मैं यहां हूं। उनके बिना कोई मेरा नाम भी नहीं जानता। दीपा ने कहा, कुछ पाने के लिए आपको जोखिम लेना होता है। मैं आभारी हूं कि इंदिरा गांधी स्टेडियम पर खास इंतजाम किए गए थे जहां मैं अभ्यास करती थी वरना यह असंभव होता लिहाजा मैं भारतीय खेल प्राधिकरण की शुक्रगुजार हूं।