राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान बबीता फोगाट ने बृहस्पतिवार को अपनी चचेरी बहन विनेश से आग्रह किया कि कुश्ती से संन्यास लेने के अपने फैसले पर फिर से विचार करें।
विनेश को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा वर्ग की स्पर्धा के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले वजन मापने के दौरान 100 ग्राम अधिक पाया गया जिससे उन्हें अयोग्य करार दिया गया।
विनेश का ओलंपिक सपना चकनाचूर हो गया जिसके बाद 29 वर्षीय इस पहलवान ने अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया और कहा कि अब उनमें इसे जारी रखने की ताकत नहीं है।
पूर्व विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता बबीता ने पीटीआई वीडियो से कहा, ‘‘2012 में मैं भी एशियाई चैंपियनशिप में नहीं खेल पाई थी क्योंकि मेरा वजन 200 ग्राम अधिक था। ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं जिसमें पहलवानों को अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया है। पूरी दुनिया जानती है कि ऐसा कुश्ती के नियमों के कारण हुआ। ’’
बबीता ने कहा कि देश विनेश के कुश्ती को अलविदा कहने के फैसले से दुखी है और उम्मीद है कि वह अपने फैसले पर फिर विचार करेंगी और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग करेंगी।
बबीता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी और 2028 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और अपनी मां और मेरे पिता का सपना पूरा करेगी। पिताजी (महावीर फोगाट) ने भी कहा है कि एक बार जब वह घर आएगी तो वह उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और फिर से मैट पर उतरने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। ’’