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एनजे वेल्थ: भारत में म्यूचुअल फंड वितरण को नए आयाम पर ले जाते हुए

म्यूचुअल फंड आज निवेश, संपत्ति निर्माण और नियमित बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। हालांकि,...
एनजे वेल्थ: भारत में म्यूचुअल फंड वितरण को नए आयाम पर ले जाते हुए

म्यूचुअल फंड आज निवेश, संपत्ति निर्माण और नियमित बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। हालांकि, म्यूचुअल फंड के प्रति बढ़ती जागरूकता के बावजूद, भारत की कुल आबादी का केवल 3%* हिस्सा ही म्यूचुअल फंड में निवेश करता है, जैसा कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से पता चलता है। इसके अलावा, जब म्यूचुअल फंड के कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) को जीडीपी के अनुपात में देखा जाए, तो भारत की म्यूचुअल फंड पैठ मात्र 15.90% है, जबकि अमेरिका, सिंगापुर और यूके में यह अनुपात क्रमशः 148.90%, 179.90% और 74.80% है (स्रोत: कैफेम्युचुअल, मार्च 2022)।

भारत में म्यूचुअल फंड वितरकों की संख्या भी चिंता का विषय है। वर्तमान में, देश में केवल 1.70 लाख* वितरक हैं, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक 10,000 लोगों पर एक से भी कम वितरक उपलब्ध हैं (AMFI, 2024)। भारत के प्रमुख म्यूचुअल फंड वितरकों में से एक एनजे वेल्थ इस स्थिति को बदलने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है। कंपनी अधिक से अधिक लोगों को म्यूचुअल फंड वितरण व्यवसाय से जुड़ने और इसे एक संभावित व्यावसायिक अवसर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। वर्तमान में, एनजे वेल्थ के 44,011 सक्रिय वितरक पूरे भारत में कार्यरत हैं, जो वित्तीय जागरूकता बढ़ाने और आम जनता को म्यूचुअल फंड की पहुंच प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।

भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में वित्तीय साक्षरता की असमानता और आधुनिक वित्तीय उत्पादों तक सीमित पहुंच एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, यह देश के महत्वाकांक्षी उद्यमियों और युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर भी है कि वे म्यूचुअल फंड वितरक बनें और संभावित निवेशकों को वित्तीय समावेशन की ओर प्रेरित करें। आज भारत ‘अमृत काल’ के दृष्टिकोण के साथ अपनी अर्थव्यवस्था और बाजारों में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है। हाल के वर्षों में उद्योग की उत्साहजनक वृद्धि इस परिवर्तन की शुरुआत मात्र है।

आज जरूरत इस बात की है कि अधिक युवा इस परिवर्तन को अवसर के रूप में देखें और म्यूचुअल फंड वितरण को एक करियर विकल्प के रूप में अपनाएं। निवेशकों के लिए मंच तैयार है, और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक लोग म्यूचुअल फंड के माध्यम से भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनेंगे। आखिरकार, ‘म्यूचुअल फंड्स सही है’, है ना?

अस्वीकरण: यह एक प्रायोजित लेख है। जानकारी की सटीकता, विश्वसनीयता, समयबद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं; हालाँकि OutlookHindi.com इसके लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है। लेख में दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग पूरी तरह से दर्शकों के विवेक पर है।

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