मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर नशे के खि़लाफ़ शुरू की गई पंजाब पुलिस की मुहिम के सकारात्मक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं और पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए जनता ने पंजाब पुलिस को पूरा समर्थन दिया है।
पंजाब पुलिस समय-समय पर राज्य में ड्रग के हॉटस्पॉट्स पर घेराबंदी और तलाशी अभियान चला रही है और समाज के सभी वर्गों के लोग पंजाब पुलिस की कार्रवाई से बहुत खुश हैं, और पुलिस टीमों को सहयोग दे रहे हैं।
गाँम खरौढ़ी (फतेहगढ़ साहिब) जिसे पंचायत द्वारा नशा मुक्त गाँव घोषित किया गया है के सरपंच हरपिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब पुलिस को नशों के खिलाफ जंग छेडऩे के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पंचायत की ओर से पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने की इस जंग में पूर्ण रूप से सहयोग देने का आश्वासन दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपीज़) के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने सोमवार को फतेहगढ़ साहिब, तरनतारन, पठानकोट, होशियारपुर और अमृतसर ग्रामीण सहित पांच जि़लों में घेराबंदी और तलाशी अभियान एवं विशेष नाकाबंदी की गई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देशों पर पुलिस टीमों ने पुनर्वास केंद्रों का भी दौरा किया, ताकि नशे की लत का इलाज करा रहे लोगों को मुख्य धारा में वापस आने और नया जीवन शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
डीजीपी ने कहा कि पाँच जि़लों में चलाए गए इस विशेष अभियान के दौरान पुलिस टीमों को जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया और समर्थन मिला है। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि उन्हें किसी व्यक्ति संबंधी ड्रग्स बेचने अथवा खरीदने के बारे में पता चलता है तो वह पुलिस के साथ जानकारी साझा करें।
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने खियाला में पुनर्वास केंद्र का दौरा किया है, ताकि उन युवाओं से बातचीत की जा सके, जिनका इलाज चल रहा है, ताकि उन्हें समाज में एक सम्मानित जीवन जीने के लिए नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया जा सके। पुलिस ने आमने-सामने की बातचीत कर उनका मनोबल बढ़ाया और उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके साथ खेल खेलने के अलावा मिठाई और फल भी भेंट किए।
होशियारपुर पुलिस ने गाँव भुनगरनी में घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाकर एनडीपीएस एक्ट के तहत दो एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस टीमों ने नशे के आदी नौ युवकों को भी प्रेरित कर इलाज के लिए नशामुक्ति केंद्र होशियारपुर में भर्ती कराया है।
फतेहगढ़ साहिब में पुलिस ने घेराबंदी और तलाशी अभियान व मज़बूत नाकाबंदी की, पुलिस की टीमें गांव खरौढ़ी का भी दौरा कर चुकी हैं, जहां पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर गाँव को नशामुक्त घोषित किया है। दिलचस्प बात यह है कि समाज के सभी वर्गों के लोग यहाँ मौजूद थे और पंजाब पुलिस द्वारा ड्रग्स के खिलाफ की गई कार्रवाई से सभी बहुत खुश थे। इसी तरह तरनतारन और पठानकोट जि़लों में भी नशों के खिलाफ विभिन्न गतिविधियां चलाई गईं।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुरूप पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए पंजाब पुलिस कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य में नशों की समस्या से निपटने के लिए पंजाब पुलिस द्वारा नशा रोधी मुहिम चलाई गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘नशे के खिलाफ हमारी मुहिम को आज एक भरपूर प्रोत्साहन तब मिला जब पंजाब के लोगों ने पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सपने को साकार करने के लिए पंजाब पुलिस को पूरा समर्थन दिया।’’