आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न सीपीएसई और एक अग्रणी एनबीएफसी, ने अपनी सीएसआर शाखा- आरईसी फाउंडेशन के माध्यम से सशस्त्र बलों को 15 करोड़ रुपये का योगदान देकर पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अपना समर्थन प्रदर्शित किया। झंडा दिवस कोष, जिसका उपयोग पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा के लिए किया जाएगा।
आरईसी की ओर से कार्यकारी निदेशक (सीएसआर) श्रीमती तरुणा गुप्ता और केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव कमोडोर एचपी सिंह द्वारा नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से प्रतिबद्धता पर मुहर लगाई गई।
केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव कमोडोर एचपी सिंह ने कहा, "हम आरईसी फाउंडेशन के समर्थन के लिए आभारी हैं। उनका योगदान पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सहायता और कल्याण कार्यक्रम प्रदान करने के हमारे प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।"
श्रीमती तरूणा गुप्ता, ईडी-सीएसआर, आरईसी ने कहा, "आरईसी में हम अपने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा किए गए बलिदानों का सम्मान करने के महत्व में विश्वास करते हैं। सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में हमारा योगदान उनके कल्याण और खुशहाली के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता, पुनर्वास और कल्याण उपाय प्रदान करने के लिए समर्पित है।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में आरईसी फाउंडेशन का योगदान कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति इसकी प्रतिबद्धता और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति इसके समर्पण की पुष्टि करता है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।