मध्यप्रदेश के नये स्वरूप की यात्रा को 68 वर्ष बीत चुके हैं। इस यात्रा में लगभग दो दशक पूर्व तक प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में था। विकास के निरंतर प्रयास से प्रदेश प्रगति पथ पर आगे बढ़ा। विगत दस वर्षों से यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश ने विकास की करवट ली और प्रदेश विकसित राज्य की ओर अग्रसर है। अब हमने जनसेवा, सुशासन और प्रदेश के चहुंमुखी विकास की नयी यात्रा आरंभ की है। प्रदेशवासियों के साथ मिलकर प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
भारत का ह्दय, अपना मध्यप्रदेश वन, जल, अन्न, खनिज, शिल्प, कला, संस्कृति, उत्सव और परंपराओं से समृद्ध है। पुण्य सलिला माँ नर्मदा का सान्निध्य और भगवान महाकालेश्वर का आशीर्वाद हमें प्राप्त है। यह असंख्य वीरों, बलिदानियों और राष्ट्र संस्कृति के प्रति समर्पित महान विभूतियों की धरती है। यह भगवान परशुराम की जन्मस्थली, भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली और आदि शंकराचार्य की तपोस्थली है। यहां गोंडवाना की वीरांगना रानी दुर्गावती ने स्वत्व के लिए प्राणों का उत्सर्ग किया था।राष्ट्र में अपने सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित करने वाली पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की कर्मस्थली है।उनके त्रिशताब्दी समारोह के आयोजन वर्ष में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश को प्राकृतिक संपदा के आधार के साथ इतिहास का गौरव प्राप्त है। अब हम विकास के साथ विरासत को लेकर आगे बढ़ेंगे।
हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए विकसित भारत निर्माण का संकल्प दिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिये उन्होंने ज्ञान (GYAN), गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के सम्मान का नया सूत्र (वाक्य) दिया। ये चार वर्ग विकास के आधार स्तम्भ हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश विकास और कल्याण के लिये युवा शक्ति, गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत कार्य करने जा रहे हैं।
युवा शक्ति मिशन शिक्षा, कौशल विकास, रोज़गार, उद्यमिता, नेतृत्व विकास, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य की योजना बनाकर मिशन मोड में कार्य करेगा। युवाओं को स्वरोज़गार से जोड़ने के साथ हमने शासकीय नौकरियों में एक लाख से अधिक युवाओं के भर्ती का अभियान शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश के 55 जिलों में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ, कुलपतियों को कुलगुरु का मान, शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा, पर्यावरण और योग ध्यान पाठ्यक्रम का समावेश किया गया है। युवा शक्ति मिशन में युवाओं के विकास और निर्माण के सभी कार्य संभव होंगे।
गरीब कल्याण मिशन स्वरोज़गार तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, आवास, शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा आदि की दिशा में कार्य करेगा। नारी शक्ति मिशन के तहत बालिका शिक्षा, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, लखपति दीदी योजना, महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण आदि कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किये जायेंगे।किसान कल्याण मिशन में कृषि और उद्यानिकी को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में कार्य होंगे। किसानों को राहत प्रदान करने के साथ कृषि की उपज बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किये जायेंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के संकल्प को पूरा करने में इन चारों मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
हमारा प्रयत्न है कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट उत्पादों के अनुरूप उद्योग स्थापित हों। इसके लिए हमने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में आयोजन किया। हैदराबाद, कोयंबटूर तथा मुंबई में रोड शो और उद्योगपतियों को निवेश के लिये प्रदेश में आमंत्रित करना उद्योग विस्तार का उपक्रम है। इससे विपुल क्षेत्रीय स्थानीय उत्पाद के अनुसार उद्योग स्थापना का क्रम आरंभ होगा और औद्योगिक विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा।
मेरा संकल्प है कि प्रदेश की धरती पर कभी जल का संकट न आए इसका एक-एक कोना जल से सिंचित हो। इसके लिए हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केन-बेतवा और पार्वती-काली-सिंध चंबल नदी लिंक परियोजना ओंपर तेजी से कार्य आरंभ कर दिया है। इस अभियान में सदानीरा नदियों के जल को मौसमी नदियों के साथ जोड़ने से हमारे अन्नदाता किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलेगा,पेयजल की समस्या समाप्त होगी और धरती का जल स्तर बढ़ेगा। कृषि के साथ गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक गांव में गौ-शाला खोली जायेगी। गाय हमारी संस्कृति और कृषि का आधार है। प्रदेश में हम गौ-संरक्षण एवं संवर्धन वर्ष मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में सुशासन के लिए होने वाले प्रयास में साइबर तहसील परियोजना को सभी 55 जिलों में लागू किया गया है। यह पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण, राजस्व महाअभियान के 2 चरणों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा सुधार और सीमांकन के 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण, आवासीय भू-खंडों के लिए ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था लागू की है। गरीब कल्याण हमारी प्राथमिकता है। कार्य के आरंभ में ही हमने इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 मजदूरों को उनका अधिकार दिलाया और गंभीर बीमारी के गरीब मरीजों के लिये पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की। बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना में 19 लाख किशोरियों के खातों में 57 करोड़ रूपये से अधिक राशि प्रदान की गई। इस कार्य को यूनिसेफ इंडिया द्वारा भी सराहना मिली है।
मध्यप्रदेश गौरवशाली विरासत और संस्कृति से समृद्ध है। इसे सहेजने तथा आध्यात्मिक अभ्युदय की दिशा में श्रीराम वन गमन पथ, श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण, पीएमश्री पर्यटन वायुसेवा, वीर भारत न्यास का शिलान्यास, विक्रमोत्सव के आयोजन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का शुभारंभ, शासकीय कैलेंडर में विक्रम संवत् अंकित करना। सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्रम में रक्षाबंधन, श्रावण उत्सव तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व का आयोजन किया गया।
मुझे यह बताते हुए खुशी है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में विकास की जो गंगा प्रवाहित हो रही है, उससे प्रदेश तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है। केन्द्र सरकार की प्रमुख योजनाओं, पीएम स्व-निधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना, पीएम स्वामित्व योजना, नशामुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन आदि के क्रियान्वयन और पात्र हितग्राहियों को उनका लाभ दिलाने में मध्यप्रदेश,देश में अग्रणी है।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि यह आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक अभ्युदय का समय है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, नीतियों और निर्णयों को अमल में लाने के लिए मुझे प्रदेशवासियों की संकल्प शक्ति चाहिए। मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप स्थानीय उत्पादों का उपयोग करें, स्थानीय विशेषताओं के अनुरूप विकास यात्रा में सहभागी बनें और वोकल फॉर लोकल को अपनाएं। प्रदेश के युवा, महिलाएं, अन्नदाता और गरीब वर्ग समान रूप से प्रगति करें, सबका जीवन खुशहाल हो, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी अधोसंरचना के क्षेत्र में प्रदेश विकसित और मजबूत बने, इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हम पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं।
मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के साथ, सहयोग और संकल्प से हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे और विकसित भारत के निर्माण में सहभागी होंगे।
प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश के 69वें स्थापना दिवस की मंगलकामनाएं...
(लेखक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)