कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक विधि कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच की प्रगति पर एक हलफनामा दाखिल करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को 10 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई पर उसके समक्ष जांच की केस डायरी भी पेश करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि कोलकाता के न्यू कस्बा लॉ कॉलेज की छात्रा संग दुष्कर्म की घटना बीते दिनों हुई थी। इस मामले में पुलिस ने तीनों आोपियों मनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद साउथ कलकत्ता लॉ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने तीनों आरोपियों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया है। वहीं संस्थान से निष्कासित किए गए लोगों में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा जो कॉलेज में संविदा कर्मचारी था। उसे भी निष्कासित कर दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य आरोपी कॉलेज के ही छात्र हैं।
बता दें कि इस मामले में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि कथित पीड़िता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सीबीआई को इस घटना की प्रारंभिक जांच करने और कोर्ट के सामने एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका यानी पीआईएल में दावा किया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी से करीबी संबंध हैं, इसलिए कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए। याचिका में कहा गया कि मिश्रा ‘साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज’ का पूर्व छात्र है और उसके रोजमर्रा के कामकाज में उसका बहुत प्रभाव है।