15 नवंबर को देव दीपावली त्योहार से पहले वाराणसी को नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है। देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मनाया जाता है। यह विश्व के सबसे प्राचीन शहर काशी की संस्कृति एवं परम्परा है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) शिवसिम्पी चन्नप्पा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बीएनएसएस की पूर्व-मौजूदा धारा 163 के तहत प्रतिबंध 12 नवंबर को रात 12 बजे से लागू हो गया। यह 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा।
निर्देश में कहा गया है कि देव दीपावली के लिए लाखों श्रद्धालुओं, स्थानीय निवासियों और विभिन्न वीआईपी के आने की संभावना के कारण, मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करना और कानून व्यवस्था बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
निर्देश में कहा गया है, "भीड़ और गणमान्य व्यक्तियों की आवाजाही को प्रबंधित करने के लिए, बिना पूर्व अनुमति के ड्रोन, पतंग, गुब्बारे, रिमोट से संचालित माइक्रोलाइट विमान और पैराग्लाइडर का उपयोग सख्त वर्जित है। यह एहतियाती उपाय ऐसी हवाई वस्तुओं से जुड़े किसी भी संभावित सुरक्षा जोखिम को कम करने के लिए लागू किया गया है।"
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देव दीपावली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा की रात को दिवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है। यह त्यौहार दुर्जेय राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत का प्रतीक है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या आशंकाजनक खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) ने पूर्ववर्ती सीआरपीसी की धारा 144 का स्थान ले लिया है।