‘उम्र महज एक संख्या है’, आम तौर से यह बात लोग कहते सुने जाते हैं लेकिन खेलों में ऐसा कतई नहीं है। एक पेशेवर खिलाड़ी की जिंदगी और प्रदर्शन में उम्र बहुत मायने रखती है। खिलाडि़यों के करियर की उम्र बहुत कम होती है। छोटी सी अवधि में ही उन्हें शिखर पर पहुंचना होता है। यह इतना आसान नहीं होता। इसके लिए उन्हें शॉर्टकट अपनाने पड़ते हैं। कुछ खिलाड़ी इस चक्कर में अपने शुरुआती दिनों में ही उम्र को लेकर फर्जीवाड़ा कर बैठते हैं। इससे उन्हें छोटी उम्र के समूहों में खेलने की जगह मिल जाती है और वें कुछ तमगे भी हासिल कर लेते हैं। इसी के आधार पर टीम का चयन भी किया जाता है और खिलाडि़यों को नौकरी आदि सब कुछ हासिल होता है। कुछ हालांकि ऐसे बदकिस्मत होते हैं जो पकड़े जाते हैं और इज्जत गंवा बैठते हैं। ऐसे ही कुछ खिलाड़ी ये भी थे।
भानुप्रताप चौहान, अदिति शर्मा (बैडमिंटन)
मोहाली में 2022 में ऑल इंडिया सब-जूनियर (अंडर-13) टूर्नामेंट में दो खिलाड़ियों भानुप्रताप चौहान और अदिति शर्मा को बैडमिंटन असोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआइ) ने यह चलने पर कि दोनों ज्यादा उम्र के हैं, प्रतिबंधित कर दिया था। इस सूचना पर बाकी खिलाड़ियों के माता-पिता विरोध जताते हुए कोर्ट के भीतर घुस गए थे और मैच बीच में बाधित हो गया था।
मनजोत कालरा (क्रिकेट)
दिल्ली के मनजोत कालरा क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की गिद्ध नजर को भी मात देने में कामयाब रहे थे। बाएं हाथ के ओपनर कालरा ने 2018 के अंडर-19 विश्व कप फाइनल मैच में सैंकड़ा मारा था लेकिन बाद में उन्हें दिल्ली जिला क्रिकेट असोसिएशन (डीडीसीए) के ओम्बड्स मैन ने रणजी ट्रॉफी खेलने से एक साल के लिए रोक दिया था क्योंकि अंडर-16 और अंडर-19 में उन्हें फर्जीवाड़े का आरोपी पाया गया। कालरा की जन्म तिथि 15 जनवरी 1998 थी जबकि उन्होंने कागज पर 1999 लिखवाई थी। दिल्ली पुलिस ने कालरा और उनके माता-पिता के खिलाफ चार्जशीट दायर की। फिर डीडीसीए ने उनकी आयु श्रेणी के मैच खेलने पर भी दो साल का प्रतिबंध लगा दिया।
निसार अहमद (स्प्रिंट)
भारत के उसैन बोल्ट कहे जाने वाले निसार अहमद 2019 के राष्ट्रीय युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप, रायपुर के दौरान चर्चा में आए। वहां उन्हें उम्र के फर्जीवाड़े के चलते खेलने से मना कर दिया गया। उस वक्त अहमद सहित 40 अन्य एथलीटों पर एथलेटिक्स फेडरेशन (एफआइ) ने प्रतिबंध लगाया था।
गौरव मुखी (फुटबॉल)
विवादों में रहने वाले भारतीय फुटबॉल में एक अध्याय फॉरवर्ड गौरव मुखी का है, जो 2018-19 के इंडियन सुपर लीग में जमशेदपुर फुटबॉल क्लब की ओर से खेले थे। उन्हें ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) ने उम्र की धोखाधड़ी के आरोप में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था। फेडरेशन के मुताबिक यह निर्णय “मुखी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों, उनकी भर्ती और 2015 में एआइएफएफ के अंडर-16 मैनेजर के बयानों के आधार पर” लिया गया। प्रतिबंध की अवधि सितंबर 2019 में पूरी हुई जब मुखी ने सही आयु प्रमाण पत्र जमा कर दिया।
रसीख सलाम (क्रिकेट)
जम्मू और कश्मीर के रसीख सलाम भी उम्र के फर्जीवाड़े में प्रतिबंधित क्रिकेटर रहे हैं। आइपीएल 2019 में मुंबई इंडियंस की ओर से खेल चुके तेज गेंदबाज सलाम को “बीसीसीआइ के समक्ष गड़बड़ जन्म प्रमाण पत्र जमा करवाने” के आरोप में दो साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था। दो साल की प्रतिबंधित अवधि पूरी करने के बाद सलाम 2022 के आइपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ खेले।