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मीम मसालाः वायरल मीम के चैंपियन किरदार

डोनाल्ड ट्रंप से शशि थरूर, अर्णब गोस्वामी से पंकज त्रिपाठी तक, मीम सेना की पसंद हैं चुनिंदा शख्सियतें
गैंग्स ऑफ वासेपुर का वायरल टेम्पलेट

पंकज त्रिपाठी (1976)

पंकज त्रिपाठी

चिल्लर पार्टी, बरेली की बर्फी और गैंग्स ऑफ वासेपुर में सशक्त अभिनय से लोकप्रिय हुए। मसान और मिर्जापुर में निभाई भूमिका से मीम बनाने वालों की नजर में आए। कालीन भैया और संध्या के किरदार मीम बनाने वालों के लिए जबरदस्त कच्चा माल साबित हुए। ‘खीर खाएंगी आप’, ‘हम करते हैं प्रबंध’ जैसे संवाद लोकप्रिय।

मनोज बाजपेयी (1969)

मनोज बाजपेयी

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर और वेब सीरीज द फैमिली मैन से मीम बनाने वालों को कंटेंट का जखीरा मिला। मनोज बाजपेयी की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के संवाद ‘चाभी कहां है’, ‘बियाह नहीं हुआ है’ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हैं।

अमजद खान  (1940-1992)

फिल्म शोले में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अमर हो चुके अमजद खान इस रोल के कारण ही मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। ‘कितने आदमी थे’, ‘सूअर के बच्चों’ जैसे संवाद मीम की दुनिया में खूब इस्तेमाल किए जाते हैं।

इरफान खान (1967-2020)

फिल्म हासिल, पान सिंह तोमर के दृश्यों और संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मीम बनाए जाते हैं। यूट्यूब चैनल ‘एआइबी’ के साथ शूट किए इरफान खान के मीम दुनिया भर में खूब वायरल हुए।

अमिताभ बच्चन (1942)

अमिताभ बच्चन

हिन्दी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। फिल्म दीवार, मोहब्बतें, टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति, पान मसाला विज्ञापन के कारण अमिताभ बच्चन पर खूब मीम वायरल हुए हैं। अपने सोशल मीडिया पोस्ट के कारण भी अमिताभ बच्चन अक्सर मीम का विषय बन जाते हैं।

दिलीप जोशी (1968)

भारतीय टेलीविजन जगत के सुपरस्टार। सब टीवी के धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जेठालाल का किरदार निभाकर लोकप्रियता हासिल हुई। जेठालाल का किरदार मीम बनाने वालों के लिए खजाना साबित हुआ।

मुकेश ऋषि  (1956)

हिंदी सिनेमा के विलेन मुकेश ऋषि, फिल्म गुंडा के कारण मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। उनके किरदार बुल्ला को लेकर बनाए गए मीम बेहद लोकप्रिय हुए। नोटबंदी के समय ‘मेरा नाम है बुल्ला’ संवाद से मुकेश ऋषि के मीम खूब वायरल हुए।

राजपाल यादव (1971)

राजपाल यादव

हिंदी सिनेमा के सफल हास्य अभिनेता। सोशल मीडिया पर मीम के सबसे चर्चित चेहरों में एक। भागमभाग, भूल भुलैया, हंगामा जैसी फिल्मों में राजपाल यादव पर फिल्माए गए दृश्य मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं।

अक्षय कुमार  (1967)

हिंदी सिनेमा में खिलाड़ी कुमार के नाम से मशहूर अक्षय कुमार मीम बनाने वालों को बेहद पसंद हैं। हेराफेरी, फिर हेराफेरी, सिंह इज किंग, हाउसफुल जैसी फिल्मों में अक्षय कुमार पर फिल्माए दृश्य और उनके संवाद सोशल मीडिया मीम में खूब पसंद किए जाते हैं।

नाना पाटेकर (1951)

हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर की फिल्म वेलकम और क्रांतिवीर से जुड़े कई मीम सोशल मीडिया पर वायरल हैं। ‘कंट्रोल उदय’, ‘आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने’ जैसे संवाद मीम बनाने वालों को खूब पसंद आते हैं।

कंगना रनौत (1987)

कंगना रणौत

कंगना रनौत की फिल्म क्वीन, तनु वेड्स मनु और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के दृश्य मीम बनाने वालों की पहली पसंद में से एक हैं। ‘अभी तो हमें और जलील होना है’ जैसे संवाद मीम में खूब इस्तेमाल किए जाते हैं।

परेश रावल (1955)

हिन्दी सिनेमा के सफल चरित्र अभिनेता। हेराफेरी, अंदाज अपना अपना में परेश रावल के विशेष अंदाज को मीम बनाने वालों ने खूब भुनाया है। ‘तेजा मैं हूं’ और ‘ये बाबू राव का स्टाइल है’ जैसे संवाद मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं।

जॉनी लीवर (1957)

हिंदी सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन। जॉनी लीवर मीम बनाने वालों की पसंद हैं। फिल्म फिर हेराफेरी, खिलाड़ी से जुड़े हुए दृश्यों पर खूब मीम बनाए जाते हैं। ‘अब मजा आएगा न बीडू’ अभिनेता जॉनी लीवर का ऐसा संवाद है जो मीम की दुनिया में सबसे अधिक वायरल है।

अनंत सिंह (1967)

बिहार के चर्चित बाहुबली नेता। बोलने के अंदाज और चाल-ढाल के कारण सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय। बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह के इंटरव्यू खूब वायरल हुए। इन्हीं से मीम बनाने वालों को जबरदस्त कंटेंट मिला। हेलीकॉप्टर में सफर करने, दिल्ली जाने और सुशासन को लेकर की गई टिप्पणी के चलते अनंत सिंह मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं।

लालू प्रसाद यादव (1948)

लालू प्रसाद यादव

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भारतीय राजनीति के सबसे हंसमुख नेता हैं। यही कारण है कि वह मिमिक्री आर्टिस्ट से लेकर मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर उनके बयानों को मीम बनाने वाले खूब इस्तेमाल करते हैं।

तेज प्रताप यादव (1988)

बिहार के युवा नेता। लालू यादव के पुत्र मीम बनाने वालों के निशाने पर रहते हैं। कभी अपने बयान के कारण तो कभी अपनी वेशभूषा के कारण। विभिन्न त्योहारों पर भगवान शिव और कृष्ण की वेशभूषा अपनाते हैं। यहीं से मीम बनाने वालों को अपना कंटेंट मिल जाता है।

आमिर खान (1965)

हिंदी सिनेमा के सफल अभिनेता। आमिर खान की फिल्म पीके, थ्री इडियट्स से जुड़े हुए दृश्यों पर बने मीम खूब वायरल हैं। ‘अच्छा, हमको सिखाता है’ संवाद मीम वीडियो में बहुत इस्तेमाल होता है। आमिर खान की फिल्म अंदाज अपना अपना का संवाद ‘ये पुरुष नहीं हैं, महापुरुष हैं महापुरुष’ भी मीम बनाने वालों के निशाने पर रहता है।

अनुष्का शर्मा (1988)

अनुष्का शर्मा

अनुष्का शर्मा अपनी फिल्म सुई धागा से मीम बनाने वालों की नजर में आ गईं। फिल्म में उन पर एक दृश्य फिल्माया गया, जहां अनुष्का के आंसू निकल पड़ते हैं। यह दृश्य मीम बनाने वालों के लिए तुरूप का इक्का साबित हुआ। सोशल मीडिया पर थोक के भाव मीम बनाए गए हैं।

ऋतिक रोशन (1974)

हिंदी सिनेमा के सबसे आकर्षक अभिनेता के रूप में मशहूर। फिल्म कोई मिल गया में निभाए रोहित के किरदार के कारण ऋतिक रोशन मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। ‘मेरी शक्तियों का गलत इस्तेमाल हुआ है’ मीम की दुनिया का सबसे वायरल संवाद है।

अजय देवगन (1969)

फिल्म विजयपथ, रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल और जुबां केसरी पान मसाला विज्ञापन के कारण अजय देवगन मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। इन फिल्मों के दृश्यों पर बने मीम खूब पसंद किए जाते हैं।

टाइगर श्रॉफ (1990)

अपनी फिल्म हीरोपंती के संवाद "छोटी बच्ची हो क्या" से टाइगर श्रॉफ मीम बनाने वालों के राडार पर आ गए। सोशल मीडिया पर इनके इस संवाद को लेकर खूब मीम वायरल हुए हैं। इसके अलावा संवाद "सबको आती नहीं, मेरी जाती नहीं" को लेकर भी खूब मीम बनाए गए हैं।

अमरीश पुरी  (1932-2005)

हिंदी सिनेमा के सफल विलेन। अमरीश पुरी की फिल्म नगीना, मिस्टर इंडिया मीम बनाने वालों की पहली पसंद है। ‘आओ कभी हवेली पर’ और ‘मोगैंबो खुश हुआ’ जैसे संवाद पर खूब मीम वायरल हुए हैं।

संजय दत्त (1959)

संजय दत्त

राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस और लगे रहो मुन्नाभाई के दृश्य और संवाद मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। ‘जादू की झप्पी’, ‘मेडिकल कॉलेज क्लासरूम’ सीन मीम बनाने वालों के द्वारा खूब इस्तेमाल किया जाता है।

अली फजल (1986)

हिन्दी सिनेमा के सफल अभिनेता। वेब सिरीज मिर्जापुर में गुड्डू पंडित का किरदार इनके जीवन में महत्वपूर्ण साबित हुआ। इससे मीम बनाने वालों को जबरदस्त कंटेंट मिला। गुड्डू पंडित पर फिल्माए गए दृश्य और संवाद मीम बनाने वालों के द्वारा बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किए जाते हैं।

तिग्मांशु धूलिया (1967)

हिंदी सिनेमा के सफल निर्देशक और अभिनेता। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में निभाए रामाधीर सिंह के किरदार से बेहद लोकप्रिय हुए। इसी किरदार से मीम बनाने वालों को जबरदस्त कंटेंट मिला। उनके संवाद ‘तुमसे न हो पाएगा’ पर सोशल मीडिया पर ढेरों मीम वायरल हुए।

अजीत (1922-1998)

अजीत

हिंदी सिनेमा के सफल चरित्र अभिनेता। लॉयन के किरदार से अजीत मीम बनाने वालों की नजर में आए। उनके संवाद "मोना डार्लिंग" के सहारे मीम बनाने वालों ने कोरोना महामारी के समय जागरूकता अभियान चलाया। "लॉयन" और "मोना डार्लिंग" अजीत की छवि का अभिन्न अंग हैं।

शशि थरूर (1956)

शशि थरूर

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद। भारी-भरकम अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल और क्लिष्ट भाषा के लिए मशहूर। शशि थरूर की अंग्रेजी शब्दावली ऐसी है कि सोशल मीडिया उन पर बने मीम से भरा हुआ है। मीम बनाने वालों को उनके अंग्रेजी शब्दों से खूब वायरल कंटेंट मिलता है।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी (1974)

नवाजुद्दीन सिद्दीकी

हिंदी सिनेमा के चर्चित अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर और वेब सिरीज सेक्रेड गेम्स के मीम सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के किरदार फैजल खान और गणेश गायतोंडे मीम बनाने वालों की पहली पसंद हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संवाद "सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल", "अपुन ही भगवान है" मीम जगत में खूब इस्तेमाल किए जाते हैं।

अनु मलिक (1960)

अनु मलिक

हिन्दी सिनेमा के सफल संगीतकार। यूं तो संगीतकार परदे के पीछे रहते हैं लेकिन भारतीय टेलीविजन के चर्चित शो इंडियन आइडल से अनु मलिक को लोकप्रियता हासिल हुई। हर बात पर शायरी करने और अपने विशेष अंदाज के कारण मीम बनाने वालों की पसंद हैं अनु मलिक। उनके  संवाद "आप मुम्बई आ सकते हो" और "आग लगा डाला" सोशल मीडिया मीम जगत में खूब वायरल हुए हैं।

रजनीकांत  (1950)

रजनीकांत

हिन्दी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार। अपने तेवर, अपने अंदाज के लिए लोकप्रिय। हर असंभव काम कर पाने वाले आदमी की छवि है रजनीकांत की। वे मीम बनाने वालों का प्रिय विषय हैं। उनके कारनामों को लेकर तरह-तरह के चुटकुले और हास्य पैदा करने वाले मीम बनाए गए हैं।

संबित पात्रा  (1974)

संबित पात्रा

भारतीय जनता पार्टी के नेता संबित पात्रा मीम की दुनिया का चर्चित नाम हैं। विभिन्न न्यूज चैनलों पर होने वाली डिबेट में वे सक्रिय रहते हैं। अपने बयानों से संबित पात्रा मीम बनाने वालों को कंटेंट दे जाते हैं। ‘बिस्कुट नमस्ते’ और ‘घोड़े खोल लें मौलाना’ वाली टिप्पणी के चलते संबित पात्रा मीम में खूब इस्तेमाल होते हैं।

किम जोंग उन  (1984)

किम जोंग उन

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी गतिविधियों और बयानों के कारण लोकप्रिय हैं। परमाणु हथियारों पर उनके धमकी भरे बयान सुर्खियों में रहते हैं मगर अपने पहनावे, लुक और अजीबोगरीब आदतों के कारण सोशल मीडिया पर वह मीम बनाने वालों की पसंद बने हुए हैं।

अर्णब गोस्वामी  (1973)

अर्णब गोस्वामी

चर्चित पत्रकार। अपने विशिष्ट अंदाज के कारण जनता में विवादास्पद लेकिन लोकप्रिय हैं। इनका चर्चित संवाद "द नेशन वांट्स टु नो" घर-घर तक पहुंच चुका है। अपनी उत्तेजक शैली और आक्रामक रवैये के कारण मीम बनाने वालों को जबरदस्त कॉन्टेंट देते हैं अर्णब गोस्वामी।

व्लादिमीर पुतिन (1952)

व्लादिमीर पुतिन

रूस के राष्ट्रपति। पुतिन की छवि एक दमदार राजनेता की है लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद से उन पर मीम बनाने का सिलसिला शुरू हो गया। मीम बनाने वालों का ऐसा मानना है कि पुतिन को दुनिया की बेरुखी नागवार गुजरी और इसी से आहत होकर उन्होंने यूक्रेन से युद्ध छेड़ा है। इसी थीम पर पुतिन पर बने कई मीम खूब वायरल हुए हैं।

डोनाल्ड ट्रंप (1946)

डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति। अपनी नस्लभेदी टिप्पणी और कट्टरपंथी सोच के कारण डोनाल्ड ट्रंप की अपने कार्यकाल के दौरान खूब आलोचना हुई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप को निशाने पर लिया और इस दौरान उनकी कमियों को रेखांकित करने वाले मीम खूब वायरल हुए।

आलिया भट्ट (1993)

आलिया भट्ट

हिन्दी सिनेमा की सफल अभिनेत्री। अपने सामान्य ज्ञान के कारण अक्सर सोशल मीडिया में मजाक का विषय बन जाती हैं। इंटरव्यू और प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि में बिना सोचे-समझे जवाब देने के कारण मीम का विषय बन जाती हैं।

रवीश कुमार (1974)

रवीश कुमार

चर्चित पत्रकार। अपनी अलग शैली, विशिष्ट भाषा और तीखी प्रतिक्रिओं के लिए मशहूर रवीश कुमार सत्ता से सवाल पूछने के कारण खूब ट्रोल होते हैं। रवीश कुमार को निशाने पर लेकर किस्म- किस्म के चुटीले मीम बनाए जाते हैं।

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