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10 जून 2024 · JUN 10 , 2024

जनादेश ’24 नजरिया: तीसरी बारी क्यों

विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
नरेन्द्र मोदी

बारह वर्ष गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘गुजरात विकास मॉडल’ दिया। उसी आधार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्‍हें 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का चुनाव अभियान का प्रमुख बनाने की घोषणा की। बाद में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला। 1977 के लंबे अंतराल के बाद किसी पूर्ण बहुमत वाली गैर-कांग्रेसी पार्टी के नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। उसके बाद पार्टी की एक के बाद एक कई राज्यों में सरकार बनती चली गई। मार्च 2018 तक भाजपा 21 राज्यों तक पहुंच चुकी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 2014 से भी बड़ी और ऐतिहासिक जीत हासिल की। उस चुनाव में पार्टी ने 303 सीटें जीतीं और यह पहली बार था, जब किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी को दूसरी बार बहुमत मिला था।

दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जनसंघ के जमाने से घोषणा पत्र में शामिल अपने वादों को पूरा किया। दूसरे कार्यकाल से पहले संसद सत्र में 5 अगस्त 2019 को कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 समाप्त करने का प्रस्‍ताव पारित किया गया। उसी मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया। तीन तलाक को दंडनीय अपराध बना कर मुस्लिम माताओं-बहनों को उससे मुक्ति दिलाई गई। नागरिकता संशोधन कानून-2019 को लागू किया गया। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। आज देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन राम लला का दर्शन करने आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही  है। उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर इतिहास बना दिया है।

 भाजपा पर पहले आरोप लगता था कि पार्टी सरकार नहीं चला पाती। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार है और कई राज्यों में भाजपा की सरकार विकास और जन कल्याण के नए-नए आयाम गढ़ रही है। देश की राजनीतिक संस्कृति बदल गई है। आज मोदी की गारंटी है। शोषणमुक्त और समतायुक्त समाज की स्थापना के साथ आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के संकल्‍प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की पूरी संभावना है। 

पिछले 10 वर्षों में देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था था। आज भारत ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अब हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर तेजी से अग्रसर हैं। मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के समय 2013-14 में देश का बजट 16.65 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 2024-25 में 50 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 50 करोड़ से अधिक गरीबों के जन-धन खाते खुलवाए गए हैं। स्वच्छता अभियान के तहत 11 करोड़ परिवारों के लिए शौचालय बनवाए गए हैं। पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ गरीब को पक्के घर प्रदान किए गए हैं, जिनमें से अधिकतर लाभार्थी समाज के वंचित वर्ग से हैं। पीएम आवास योजना के तहत ज्यादतर मकान महिलाओं के नाम पंजीकृत हैं। जल जीवन मिशन योजना के माध्यम से देश के 14.45 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जलापूर्ति की गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को 5 लाख की मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी गई है। इस योजना के दायरे में 70 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को लाए जाने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस सिलेंडर प्रदान कर, उनके जीवन को धुआं मुक्त बनाया गया है। वहीं विशेषकर ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। नारी वंदन अधिनियम लाकर लोक सभा और विधान सभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया।

स्टार्टअप और स्टैंडअप योजना के तहत करोड़ों युवाओं को रोजगार मिला है। रोजगार की तलाश करने वाले आज रोजगार देने वाले बन रहे हैं। स्किल इंडिया के तहत करोड़ों युवाओं का कौशल विकास किया गया है और इस प्रकार लाखों परिवार का आर्थिक सशक्तीकरण हुआ है। करोड़ों लोगों को उद्यमी बनाने का काम मुद्रा योजना ने किया है और इसकी सफलता देखते हुए मुद्रा लोन की राशि 10 लाख से 20 लाख किए जाने की घोषणा की गई है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी चलाने वालों को ब्याजमुक्त लोन देकर उनकी भी चिंता की गई है। 36 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से लोगों के खाते में भेजे गए हैं। यह अभियान जन धन खाता खोले जाने से ही संभव हो पाया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन आयोग के सुझावों के अनुरूप उनकी उपज को उचित मूल्य मिले, इसके लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में, लगभग 18 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में धान और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को मिले हैं। जो यूपीए सरकार के 10 साल की तुलना में ढाई गुना अधिक है। गांवों में पौने 4 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनीं हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। वंदे भारत और बुलेट ट्रेन चलाई गई हैं। पिछले 10 वर्षों में, देश में नेशनल हाईवे की लंबाई, 90 हजार किलोमीटर से बढ़कर 1 लाख 46 हजार किलोमीटर हो गई है। फोर-लेन नेशनल हाईवे की लंबाई ढाई गुना बढ़ी है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से बढ़कर दोगुनी 149 हो गई है। शहरों के ट्रांसपोर्ट में कई क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। 2014 तक सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी थी, अब देश के 18 शहरों में मेट्रो की सुविधा है। पिछले एक दशक से प्रतिदिन दो नए कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के साथ-साथ विरासत के संरक्षण और संवर्धन की भी चिंता की गई है। देश एक प्रकार से आज सांस्कृतिक पुनर्जागरण के काल में है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक, केदारनाथ सौंदर्यीकरण, चार धाम परियोजना इसकी मिसाल है। भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार दलित और आदिवासियों के बारे में सिर्फ बात ही नहीं की बल्कि अपने दढ़ संकल्प से उन्हें सर्वोच्च पद दिए। भाजपा ने दलित परिवार से आने वाले रामनाथ कोविंद और आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को सर्वोच्च संवैधानिक राष्ट्रपति पद सौंपा।

वन रैंक वन पेंशन हो, अग्निवीर योजना हो, सीमांत गांवों का विकास हो, देश की रक्षा शक्ति को मजबूत करने और मां भारती की सेवा में लगे जवानों के मान-सम्मान की बात हो, सभी बातें उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उनका मानना है, देश की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 13 वें दिन बालाकोट एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान ही नहीं, दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि जरूरत पड़ी तो घर में घुसकर मारेंगे। 

कोरोना के दौरान जिस प्रकार उन्होंने देश को संभाला और दुनिया की भी चिंता की, यह इस बात का प्रमाण है कि उनमें वैश्विक नेतृत्व की क्षमता है। आज वैश्विक संकट के दौर में दुनिया उनकी तरफ देख रही है। उनकी नेतृत्व क्षमता पर पूरी दुनिया को भरोसा है। यह भारत और भारत वासियों के लिए गौरव की बात है। मुस्लिम देश यूएई में मंदिर का निर्माण हो या फिर दुनिया के अनेक देश, जिनमें कई मुस्लिम देश भी शामिल हैं, द्वारा उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना, उनके करिश्माई व्यक्तित्व और वैश्विक नेतृत्व की स्वीकार्यता का प्रमाण है। पूरी दुनिया भारत में भविष्य देख रहा है। नरेंद्र मोदी देशवासियों से ठीक ही कहते हैं, ‘‘यही समय है, सही समय है।’’  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से कहा था, ‘‘मैं भारत का प्रधानमंत्री नहीं, आपका प्रधान सेवक हूं।’’ सच में नरेंद्र मोदी ने खुद को प्रधान सेवक के रूप में स्थापित किया। यह अप्रतिम है कि अपनी 100 वर्षीय मां को कंधा देने और अंत्येष्टि करने के बाद भी काम से विराम लेने के बजाय वे गुजरात के राजभवन पहुंच कर राज-काज में लग गए। यह अदम्य साहस, अपरमित तेज और दूरदृष्टि सामान्य व्यक्ति के पास नहीं होती। कहीं न कहीं ऐसे व्यक्ति पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है।

14 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी ने, जो संकल्प पत्र देश के समक्ष रखा है, उसमें भारत के सुनहरे भविष्य की संकल्पना की गई है। इसमें 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की दृष्टि है। वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र से साफ जाहिर होता है कि उनके वादे और इरादे ऐसे हैं जो स्पष्ट संकेत दे रहे हैं की न सत्ता में आएंगे और न वादा पूरा करने जैसी कोई स्थिति आएगी।

जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाया, वही फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर संविधान समाप्त करने की बात कर रही है। परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर देश को खोखला बनाने वाले और सामाजिक न्याय के नाम पर देश की जनता के साथ अन्याय करने वाले विपक्ष और इंडी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकते। नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक पार्टी और नेताओं पर लोगों के खोए हुए विश्वास की वापसी की है।

 प्रभात झा

(लेखक पूर्व सांसद तथा पूर्व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। विचार निजी हैं।)

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