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20 फरवरी 2023 · FEB 20 , 2023

मध्य प्रदेश: चमत्कार या अंधविश्वास

बुंदेलखंड स्थित बागेश्वर धाम के एक कथित बाबा ने देश में एक बार फिर से चमत्कार और वैज्ञानिक चेतना पर बहस को खड़ा कर दिया है
नरोत्तम मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्रीः अंधविश्वास की राजनीति के नए चेहरे

कई वर्षों तक अकाल की विभीषिका झेल चुके बुंदेलखंड के किसान आजकल एक बाबा के चमत्कार में राहत खोजते नजर आ रहे हैं। ये हैं धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर, जो अपने चमत्कार के दावों के चलते चर्चा में हैं। यह बात और है कि आज भी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित उनकी जन्मस्थली गढ़ा गांव में उनके कथित चमत्कार का बुनियादी विकास और सुविधाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है और गरीबी-लाचारी जस की तस है। बाबा के चमत्कार के समर्थन में दावे और उसे मिल रही चुनौतियों से ऐसा विवाद उपजा है कि हिंदू धर्म के अलग-अलग पीठों के शंकराचार्यों के बीच के मतभेद तक उभर कर सामने आ गए हैं। ज्योतिष पीठ के नवनियुक्त शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शास्त्री को सीधी चुनौती दी है। उनका कहना है कि चमत्कार कर पाना असंभव है, ‘‘हमारे मठ में दरार आ गई है, उसे जोड़ो। जोशीमठ में आई दरारों को रोको। अगर ऐसा कर सकते हैं, तो हम फूल बिछाकर उनको ले आएंगे, झुक कर पलकें बिछाएंगे।’’ वे कहते हैं, ‘‘देश की जनता चाहती है कि कोई चमत्कार हो। जो चमत्कार जनता की भलाई में हो, तो उसे हम नमस्कार करेंगे, नहीं तो यह छलावा है।’’ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भविष्यवाणी की जा रही है, तो शास्त्र उसे मान्यता देता है। शंकराचार्य आगे कहते हैं, ‘‘जो भी धर्मगुरुओं द्वारा कहा जाए, वह शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए। मनमाना नहीं होना चाहिए। ऐसा है, तो हम उसे मान्यता देते हैं, लेकिन अगर वे मनमाना कह रहे हैं, तो गलत है।’’

इसके उलट प्रदेश के कटनी जिले पहुंचे द्वारिका पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘जो लोग उनका विरोध कर रहे हैं, वे पहले बागेश्वर धाम जाएं, खोजे, जानें-पहचानें और फिर टिप्पणी करें तो बेहतर होगा।’’ सरस्वती कहते हैं, ‘‘जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वे कभी बागेश्वर धाम गए? क्या उन्होंने लोगों का भला करने के लिए दक्षिणा ली है, पैसा लिया? कोई ऐसा व्यक्ति, जिसको उन्होंने ठीक करने का दावा किया? कोई एग्रीमेंट किया और वह ठीक नहीं हुआ हो? ऐसा कुछ भी नहीं है।’’ वे कहते हैं, ‘‘पहले विश्वास और अंधविश्वास में अंतर समझना पड़ेगा। अगर किसी देवी-देवता का आश्रय लेकर लोग ठीक हो रहे हैं, तो क्या गलत है? यह तो हमारी परंपरा है। बागेश्वर महाराज ने पीला चावल भेजा क्या, फिर क्यों आए? ये आपकी श्रद्धा और विश्वास है। वे हजारों लोगों की भीड़ के सामने सिद्ध कर चुके हैं, तो फिर अंधविश्वास कैसे? इसका प्रमाण क्या है? हजारों लोगों को बागेश्वर धाम से लाभ हो रहा है। वहां जाने वाले लोग संतुष्ट होकर जा रहे हैं।’’

शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने नागपुर से शुरू हुए इस विवाद के पीछे खड़ी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को बागेश्वर धाम जाने की नसीहत भी दे डाली। वे कहते हैं, ‘‘अगर आपको जिज्ञासा है, तो आप जाइए। आरोप लगाना बहुत सरल है, लेकिन उसे सिद्ध करना कठिन है। बागेश्वर सरकार पर प्रश्न उठाने वाले हिंदू, सनातन धर्म के विरोधी हैं।’’

वर्तमान में चल रहे चमत्कार, दावे और चुनौतियों के इस द्वंद्व से भला राजनीति कितने दिन दूर रह सकती थी। सो, मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री ने धीरेंद्र शास्त्री का खुलकर समर्थन कर दिया। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि वे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अनन्य भक्त हैं और कुछ राष्ट्रद्रोही, वामपंथी उनके पीछे पड़े हैं। वहीं, नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग कहते हंै कि उन्हें गर्व है कि ऐसे संत भारत की भूमि पर हैं।

मंत्रियों से सुर मिलाते हुए मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने तो नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को ही चुनौती दे डाली, जिसने सबसे पहले शास्त्री पर ‘‘अंधविश्वास’’ और ‘‘जादू-टोना’’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। नारायण त्रिपाठी ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाने वाली समिति के प्रमुख श्याम मानव के बारे में कहा कि वे लोगों को हिप्नोटाइज करते हैं और हिप्नोटाइज करने की ट्रेनिंग भी देते हैं। उन्होंने मानव के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराने और जरूरत पड़ने पर कोर्ट की शरण में जाने की बात भी कही है।

कांग्रेस पार्टी इन विवादों को आरएसएस-भाजपा की साजिश बताती है। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा कहते हैं, ‘‘यह सब आरएसएस-भाजपा की साजिश है। नागपुर में आरएसएस का हेडक्वार्टर है। महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है। विवाद वहीं से क्यों उठा?’’ इस बीच धीरेंद्र शास्त्री को ठग बताने वाली महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को धमकियां मिल रही हैं। समिति के प्रमुख श्याम मानव पुलिस के कड़े पहरे में रह रहे हैं।

दरअसल, 8 जनवरी को श्याम मानव ने बागेश्वर सरकार के ‘दिव्य दरबार’ की पुलिस में शिकायत की थी। मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया था कि वे ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रेत दरबार’ के नाम पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा दे रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए मानव कहते हैं, ‘‘अपने दिव्य दरबार के जरिये वे कानूनों का उल्लंघन भी करते हैं। अगर वे सचमुच में चमत्कारी हैं तो हमारे बीच दिव्य दरबार लगाएं और सबके सामने चमत्कार करके दिखाएं। अगर वे ऐसा करने में सफल होंगे तो उन्हें समिति की तरफ से तीस लाख रुपये दिए जाएंगे।’’ श्याम मानव आरोप लगाते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री देश की जनता के साथ लूट, धोखाधड़ी और उनका शोषण करने में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि शास्त्री ने 2013 के महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून और 1954 के ड्रग्स ऐंड मेडिकल रेमेडीज एक्ट दोनों का उल्लंघन किया है। शास्त्री इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।

पिछले चार दशकों में समिति लगभग 200 से ज्यादा बाबाओं के पाखंड को उजागर कर चुकी है। इनमें पायलट बाबा, शकुंतला देवी, कृपालुजी महाराज, सुंदरदास बाबा से लेकर चंगाई सभा करने वाली पांच विदेशी मिशनरी भी हैं, जिन्हें समिति के चलते जेल जाना पड़ा है।

सोशल मीडिया का बाबा

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक धीरेंद्र बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता रामकृपाल और मां सरोज कड़े के परिवार को कई बार खाना तक नसीब नहीं होता था। पांच सदस्यों वाला परिवार पूजा-पाठ में मिली दक्षिणा पर निर्भर रहता था। धीरेंद्र घर से स्कूल के लिए निकलते जरूर थे पर मंदिर पहुंच जाते। कहा जाता है कि धीरेंद्र के दादा सैतू लाल गर्ग भी पूजा-पाठ और धार्मिक काम करते थे और उन्होंने अपने दादा से पंडिताई के गुण सीखे और कम उम्र से ही पंडिताई करने लगे। धीरेंद्र कुल तीन भाई-बहन हैं। वे सबसे बड़े हैं। उनकी बहन रीता गर्ग की शादी हो चुकी है और उनके भाई शालिग्राम गर्ग आश्रम का काम देखते हैं। खबरों के हिसाब से धीरेंद्र दसवीं पास कर पाए या नहीं, इस पर भी संशय है। वे स्कूल के आसपास घूमा करते थे पर पढ़ाई में बहुत खास नहीं रहे। कहा जाता है कि लगभग एक साल तक वे कहीं गायब रहे। लौटे तो कुछ अलग नजर आने लगे।

धीरेंद्र शास्त्री के कद और काम को बड़ा करने में इंटरनेट की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने अपनी पहुंच यू-ट्यूब, वॉट्सऐप और फिर संस्कार चैनल के जरिये बढ़ाई। आज उनके यूट्यूब पर 37 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर और तीन साल में 54 करोड़ से ज्यादा व्यू हैं। फेसबुक पर बागेश्वर धाम के 30 लाख, इंस्टाग्राम पर 2 लाख और ट्विटर पर 60 हजार से ज्यादा फॉलोअर जुड़े हैं। बाबा बागेश्वर धाम की टीम इंटरनेट के जरिये ही ज्यादातर बातचीत करती है और लोगों तक पहुंच बनाए रखती है।

 उषा ठाकुर

मैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अनन्य भक्त हूं और कुछ राष्ट्रद्रोही, वामपंथी उनके पीछे पड़े हैं

उषा ठाकुर, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री

 श्याम मानव, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति

अगर वे सचमुच में चमत्कारी हैं तो हम सबके सामने आकर चमत्कार करके दिखाएं

श्याम मानव, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति

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