ऐतिहासिक
पुणे की नेशनल डिफेंस एकेडमी एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी है। एकेडमी के इतिहास में पहली बार 17 महिला कैडेट ने कोर्स पूरा करके कीर्तिमान स्थापित किया है। महिला टॉपर श्रुति दक्ष के साथ बाकी 16 लड़कियों ने भी पूरा दमखम दिखाया। 2021 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2022 में एनडीए में लड़कियों के लिए दरवाजे खुले थे। तीन साल की मेहनत के बाद 300 पुरुष कैंडिडेट्स के साथ ये लड़कियां पासआउट हुई हैं। इससे लड़कियों के लिए सेना में सर्वोच्च पद तक जाने की राह खुल गई है।
छोटा पैकेट...
असम की नौ साल की बिनीता छेत्री ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। बिजली की फुर्ती से पूरे स्टेज पर नाचने वाली बिनीता को ‘ब्रिटेन हैज गॉट टेलेंट’ में तीसरा स्थान मिला है। यहां तक पहुंचने वाली वह पहली भारतीय लड़की है। दूरदराज कार्बी आंगलोंग से आने वाली बिनीता को लगभग सभी देशों से अच्छे वोट हासिल हुए थे। उसकी उपलब्धि पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने खुशी जाहिर की और कहा कि ‘‘बिनीता ने ब्रह्मपुत्र से लेकर टेम्स तक सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।’’
बस जुनून
जुनून हो, तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता, फिर कान के समारोह में मोदी की तस्वीर वाला हार पहनना बहुत छोटी सी बात है। ईमानदारी से बताइएगा, इससे पहले किस-किस ने रुचि गुज्जर का नाम सुना था। यह बात आप रुचि से पूछें तो उनका जवाब तैयार है। बकौल उनके ‘‘यह मैंने पब्लिसिटी के लिए नहीं, अपने जुनून के लिए किया।’’ वे मोदी के काम के जुनून के प्रति खुद जुनूनी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के फैसले को देखते हुए वे मोदी को यह सम्मान देना चाहती थीं। अब पूछिए सवाल।
सिर सजा ताज
72वें मिस वर्ल्ड का समापन भारत के पक्ष में नहीं रहा। भारत की नंदिनी गुप्ता के अंतिम आठ में भी न पहुंचने से निराशा जरूर रही लेकिन थाइलैंड की 21 साल की मॉडल ओपल सुचाता चुआंगस्री ने ताज को एशिया से बाहर नहीं जाने दिया। सुचाता ने अपने आत्मविश्वास से सभी जजों का दिल जीत लिया। सुजाता ओपल फॉर हर नाम से एक संस्था भी चलाती हैं, जो महिलाओं के लिए काम करता है। सुचाता ने फाइनल में पहने गाउन को भी ओपल से सजाया था, जो मजबूती का प्रतीक है।
अब बस
एक्शन, ड्रामा, रोमांच की खुराक के लिए ही जनता मिशन इम्पॉसिबल देखने जाती है। इस बार टॉम क्रूज बाबू इसमें जरा चूक गए। एमआइ 8 लेकर वे बड़े अरमान से आए थे। दर्शक तो फिर भई दर्शक ही हैं। उन्हें क्या लेनादेना कि ये टॉम क्रूज हैं कि कोई और। फिल्म पसंद नहीं आई, तो खेल खत्म। फिल्म की कमी तो एक तरह, कुछ को तो यही खल गया कि 62 वर्ष की उम्र में यह सब टॉम को ज़ेब नहीं देता। तो क्या एक्शन छोड़ आलोकनाथ बन जाएं।