Advertisement

आवरण कथा/इंटरव्यू/नीलकंठ तिवारी: “2022 तक फिल्म निर्माण शुरू हो जाएगा”

नोएडा में एक स्टेट-ऑफ-आर्ट फिल्म सिटी के निर्माण की महत्वाकांक्षी पहल की गई है
उप्र के पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ मंत्री नीलकंठ तिवारी

उत्तर प्रदेश ने कोविड-19 महामारी के दौर में दूसरे राज्यों से लौटे लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कई कदम उठाए। इन्हीं में एक है नोएडा में एक स्टेट-ऑफ-आर्ट फिल्म सिटी के निर्माण की महत्वाकांक्षी पहल, ताकि प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार सृजन में नया आयाम खुल सके। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इसकी पहल में तेजी लाने के लिए न सिर्फ लखनऊ, बल्कि मुंबई में फिल्मकारों के साथ बैठक की। इससे महाराष्ट्र की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार की भौंहें भी कुछ तनीं। इन तमाम मुद्दों और फिल्म सिटी की योजना पर आउटलुक के आलोक पांडेय ने राज्य के पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ मंत्री नीलकंठ तिवारी से विस्तार से बात की। कुछ अंशः

फिल्म सिटी को लेकर सरकार के लक्ष्य क्या हैं? इसकी योजना कैसे बनी और यह उत्तर प्रदेश के लिए क्यों जरूरी है?

पहली बात तो यह कि बॉलीवुड से कोई कॉम्पिटिशन नहीं है। उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य, पौराणिकता, इतिहास, सामाजिक विविधता वह सब कुछ है, जो फिल्म निर्माण के लिए जरूरी है। यहां तो फिल्मों के प्राकृतिक सेट हैं। मिर्जापुर के जल प्रपात, सोनभद्र के पत्थर टीला, प्राचीन शहर बनारस के विश्व प्रसिद्घ 13 किमी. लंबे 90 घाट, उनका आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व, कला-संगीत के विविध घराने, मथुरा-वृंदावन, अयोध्या, चित्रकूट, नैमिषारण्य, हस्तिनापुर, बौद्ध सर्किट क्या नहीं है यहां? यहां कुंभ मेले में ही 40 करोड़ लोग जुट आते हैं। ऐसे में यूपी में वह सब है, जो इस उद्योग की मूल जरूरत है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे रोजगार, श्रम शक्ति, और विकास से जोड़कर इसके साथ यूपी का विकास जोड़ दिया है, जो जल्द ही साकार होता दिखाई देगा ।

फिल्म निर्माण के लिए जरूरी आधुनिक सुविधाओं और जरूरतों के मामले में क्या है?

अब उप्र की पहचान देश के बेहतरीन राज्यों की श्रेणी में है। इज ऑफ बिजनेस डूइंग में राज्य दूसरे स्थान पर है, कानून-व्यवस्था पहले की सरकारों से बेहतर है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मार्च तक बन जाएगा, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भी बन रहा है। 11,00 किलोमीटर बहनें वाली गंगा यहां है। आगरा का अजूबा यहां है। यूपी के लोग अन्य राज्यों में मजदूरी के लिए जाते हैं। आजादी के बाद से इस क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुआ। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको रोजगार के साथ जोड़ा है। यहीं रोजगार मिलेगा तो कोई बाहर क्यों जाएगा।

फिल्म सिटी में फिल्म निर्माण सुविधाएं कैसी होंगी? फिल्मकार इधर क्यों रुख करेंगे?

ऐसा नही है कि यूपी में फिल्म नहीं बनती या शूटिंग नही होती पर अब यहां फिल्म सिटी होगी। यूपी के कलाकारों ने जो मुंबई में कर दिखाया है, वह दिखाता है कि अगर यहां ये सुविधाएं होतीं तो उन्हें कहीं और नहीं जाना पड़ता। यहां फिल्म सिटी ऐसी बनेगी, जिसे दुनिया देखेगी। यहां फिल्म के लिए जरूरी प्री और पोस्ट प्रोडक्शन सभी सुविधाएं होंगी। अत्याधुनिक फिल्म स्टूडियो, तकनीक और टेक्निकल सपोर्ट, मैनपावर सब यहां मिलेगा। खर्चा काम आएगा, सुविधाएं पूरी मिलेगी। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी इसी कड़ी का हिस्सा है, देश का बेहतरीन हवाई अड्डा बनेगा, तो आने-जाने की सुविधा हो जाएगी। फिल्म पॉलिसी के तहत आर्थिक मदद भी मिल रही है। यूपी में पहले भी सब कुछ था पर पहले की सरकार के पास ऐसी सोच नहीं थी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे मूर्त रूप देना शुरू किया है।

क्या मुंबई की सरकार इस प्रोजेक्ट से होड़ महसूस कर रही है?

नहीं, ऐसा नही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि आज का दौर प्रतिस्पर्धा का है और जहां जिसको अच्छा लगेगा, उसे रोका नही जा सकता है। बाकी ऐसी कोई बात नही है।

नोएडा फिल्म सिटी में फिल्म बनाने की शरुआत हो सकती है?

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योजनाएं बड़े पैमाने पर फटाफट होती हैं। उसी तरह योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश में सबसे आगे रहने की सोच है। अभी फिल्म सिटी को लेकर शुरुआत हुई है, फिर भी 2022 तक ऐसी व्यवस्था जरूर हो जाएगी कि फिल्म बन सके, काम पूरा होने में समय लगेगा लेकिन 2022 से काम शुरू जरूर हो जाएगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement