आर्यन खान पर मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी के आरोप अदालत में बेबुनियाद साबित हुए और नेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की ही नई जांच टीम ने मान लिया कि तत्कालीन एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की कार्रवाई ठोस सबूतों के आधार पर नहीं थी। इससे विवादों का बड़ा पिटारा खुलना ही था। सो, अब फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स मामले की जांच भी स्पेशल टीम से करवाने की मांग उठ रही है और राकांपा नेता नवाब मलिक बनाम एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े का मुद्दा भी फिर से तैरने लगा है। माना जा रहा है कि इस पूरे मामले ने एनसीबी के पेशेवर बर्ताव की कलई खोल दी है। पूरे प्रसंग में चर्चित रहे समीर वानखेड़े तो कठघरे में हैं ही, एनसीबी भी तीखे सवालों के घेरे में है।
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 2 अक्टूबर 2021 को मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था। हाइवोल्टेज ड्रामा, सियासत, कई अदालती सुनवाई, और 26 दिनों की लंबी हिरासत के बाद बॉम्बे हाइकोर्ट ने उन्हें 28 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। अब लगभग 7 महीने बाद 27 मई को आर्यन खान को क्लीन चिट मिली है।
पिछले साल ठोस सबूतों के आधार पर गिरफ्तार करने का दावा करने वाली एनसीबी ने अब दलील दी है कि खान के खिलाफ साक्ष्य अपर्याप्त थे। एनसीबी प्रमुख एस.एन. प्रधान ने कहा, ‘‘हमें 14 लोगों के खिलाफ ठोस और परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले और छह के खिलाफ सबूत अपर्याप्त थे। हमने शुरुआती जांच के दौरान मिले सभी तथ्यों पर विचार किया और (आर्यन के खिलाफ) कोई ठोस सबूत नहीं मिला।’’
बहरहाल, अब विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इस पूरी कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। राकांपा के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा, ‘‘अगर आर्यन खान पाक-साफ थे, तो उन्हें दागी क्यों बनाया गया? इसका क्या मकसद था? इस युवक को हुई परेशानी के लिए कौन जिम्मेदार होगा? इससे कई सवाल उठते हैं।’’
विपक्ष इसे केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का किया धरा बता रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा, “मैं नवाब मलिक को इस तमाशे को उजागर करने और उसे तार्किक अंत तक ले जाने के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने भाजपा का पर्दाफाश किया, जिसकी कीमत वे चुका रहे हैं।”
क्या शिवसेना वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी? शिवसेना नेता ने कहा, “मांग क्यों करनी चाहिए? क्या सरकार नहीं देख सकती कि कैसे उन्होंने एक लड़के को झूठे मामले में फंसाया और उसकी जिंदगी तबाह कर दी। लड़के को एक महीने की जेल हुई थी। क्या यही न्याय है?”
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “सरकारी एजेंसियां खबरें गढ़ रही हैं, बिना सबूत के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल की जा रही है, बिना सुनवाई के दोषी ठहराया जा रहा है। यही नया भारत है।” राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि आर्यन खान को क्लीन चिट दिया जाना साबित करता है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक सही थे। तापसे ने कहा, “नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के काम और उनके चरित्र पर गंभीर सवाल उठाए।” अब समीर वानखेड़े का ट्रांसफर चेन्नै कर दिया गया है। एनसीबी की टीम ने वानखेड़े के नेतृत्व में ही क्रूज पर छापेमारी की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। कई तरह के सवाल उठने के बाद पिछले साल 6 नवंबर को एनसीबी मुख्यालय ने वानखेड़े को जांच से हटा दिया और इसकी जांच दिल्ली स्थित एजेंसी के उप महानिदेशक (संचालन) संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी थी।
इससे पहले वानखेड़े उस जांच दल का भी हिस्सा थे जिसने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले की जांच की थी। राजपूत ने जून 2020 में अपने फ्लैट में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वानखेड़े ने उसके बाद कथित तौर पर बॉलीवुड हस्तियों पर भी निशाना साधा। 2020 में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी से लेकर दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुल प्रीत सिंह जैसी हस्तियों को उनके कथित व्हाट्सऐप चैट के आधार पर तलब किया गया।
अब रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने भी उनके मामले में ऐसी ही जांच की मांग उठाई है। मानशिंदे ने कहा है, “रिया चक्रवर्ती और शोविक मामले में भी जांच होनी चाहिए। उनसे कोई ड्रग्स नहीं मिला था और न ही कोई टेस्ट किया गया था।”
जोनल निदेशक के तौर पर वानखेड़े के कार्यकाल के दौरान एजेंसी ने मुंबई और गोवा में मादक पदार्थ के कई तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की और करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ बरामद किए। वानखेड़े के रडार पर न केवल फिल्मी हस्तियां रहीं बल्कि दिग्गज नेताओं के करीबियों पर भी उन्होंने शिकंजा कसा। वानखेड़े की टीम ने मादक पदार्थ जब्त करने के एक मामले में राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया। बाद में अदालत ने समीर खान को जमानत दे दी क्योंकि पर्याप्त साक्ष्य नहीं था। उसके बाद मलिक ने वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
आरोप-दर-आरोपः राकांपा नेता नवाब मलिक (बाएं), और समीर वानखेड़े
वानखेड़े की ही अगुआई में एक टीम ने मुंबई इंटरनेशनल पोर्ट टर्मिनल पर कोर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापा मारा। उस दौरान कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने और नशा करने के मामले में आर्यन खान सहित 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।
आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे छापे के दौरान ऐसे गवाहों की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे। इसी बीच स्वतंत्र गवाह मनीष भानुशाली भाजपा का सदस्य पाया गया, इससे विपक्षी दलों को केंद्र के खिलाफ हमलावर होने का बड़ा मौका मिल गया।
कुछ दिनों बाद किरण गोसावी के अंगरक्षक रहे गवाह प्रभाकर सैल ने हलफनामे में दावा किया कि उसने आर्यन खान को छोड़ने के एवज में वानखेड़े की ओर से 25 करोड़ रुपये मांगे जाने की बातचीत सुनी थी। सैल ने यह भी कहा कि उससे एक खाली पंचनामे पर दस्तखत कराए गए थे। सैल की इस साल अप्रैल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
उसके बाद वानखेड़े और अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए उप-महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया। आर्यन खान मामले को उप-महानिदेशक (ऑपरेशंस) संजय कुमार सिंह की अगुआई वाले जांच दल को सौंप गया।
अब महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार भी वानखेड़े को चौतरफा घेरने में जुट गई। राकांपा नेता नवाब मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने, सदगुरु होटल के लिए लाइसेंस हासिल करने में अपनी उम्र की गलत जानकारी देने जैसे कई तरह के गंभीर आरोप लगाए।
वानखेड़े का एनसीबी के साथ कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 को खत्म हुआ तो उनका डीआरआइ में तबादला कर दिया गया। लेकिन क्या इसे आर्यन के साथ न्याय माना जाएगा? आर्यन पर आरोप तय नहीं हुए, लेकिन उन्हें हिरासत में रखा गया, मीडिया ट्रायल अपमानित किया गया। उनके पिता शाहरुख खान की छवि पर भी हमले हुए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पूछते हैं, ‘‘उस नौजवान (आर्यन खान) को जिस सदमे से गुजरना पड़ा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?’’ लिहाजा, एनसीबी दोबारा विश्वसनीयता अर्जित करने के लिए क्या करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।