उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की गलियों में हारमोनियम और ढोलक की ताल पर गाने वाली रागिनी विश्वकर्मा को शायद खुद भी अंदाजा नहीं था कि उनकी आवाज एक दिन पंजाबी के सबसे बड़े रैपर यो यो हनी सिंह के गाने में गूंजेगी। लेकिन किस्मत और कुदरत की गति निराली है। रागिनी की आवाज ने हनी सिंह के नए एलबम ‘मैनिएक’ को चार्टबस्टर बना दिया है। सोशल मीडिया पर हर जगह चर्चा है।
जो लड़की कभी शादियों, मंदिरों और मेलों में गाना गाकर गुजारा करती थी, वह अब यूट्यूब सेंसेशन बन चुकी है। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का सफर उतना ही जटिल और हैरान करने वाला था। रागिनी के परिवार में हर कोई संगीत से जुड़ा है। हारमोनियम, ढोलक और तबले की संगत में गाने की परंपरा उनके घर में पीढ़ियों से चली आ रही है। गोरखपुर के प्रसिद्ध तरकुलहा देवी मंदिर में जब मुंडन संस्कार होते हैं, तो वहां उनका परिवार पारंपरिक गाने गाकर लोगों का मनोरंजन करता है। वह कहती है, “हम मंदिरों और शादियों में गाना गाकर ही अपना घर चलाते थे। लोगों से जो भी पैसा मिलता, उसी से गुजारा होता था। बचपन से यही जिंदगी हमने देखी थी।”
रागिनी ने महज 10 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। कोरोना के दौरान उसका एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद कई यूट्यूबर 100-200 रुपये देकर उससे गाना गवाने लगे। लेकिन असली पहचान तब मिली जब उसने “पंखा कूलर से न गर्मी ई जला” गाया। यह गाना इतना वायरल हुआ कि इसे एक करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले। हालांकि, भोजपुरी इंडस्ट्री में किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। रागिनी की जिंदगी तब बदली जब उसे अचानक एक फोन कॉल आया। कॉल हनी सिंह की टीम से था। लेकिन उस वक्त उसे नहीं बताया गया था कि यह गाना हनी सिंह के साथ है। रागिनी के मुताबिक “मुझे सिर्फ इतना बताया गया कि एक बड़ा बॉलीवुड प्रोजेक्ट है और रिकॉर्डिंग करनी है। तब तक मैं सोच भी नहीं सकती थी कि यह हनी सिंह का गाना होगा!”
गाना रिकॉर्ड करने के लिए उसे बनारस बुलाया गया, जहां अर्जुन अजनबी ने गाने के बोल लिखे। रिकॉर्डिंग के दौरान भी उसे यह नहीं पता था कि यह हनी सिंह के कमबैक एल्बम ‘ग्लोरी’ का हिस्सा होगा। रिहर्सल के पांच दिन बाद जाकर गाना कंप्लीट हुआ। जब गाने का टीजर रिलीज हुआ तो भी उसकी आवाज सामने नहीं आई। बताया गया कि जब गाना पूरा रिलीज होगा तो उसमें उसकी आवाज आएगी। दअरसल, जब उसने अपने रिश्तेदारों को बताया कि उसका गाना हनी सिंह के साथ आ रहा है, तो कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया। उनके मुताबिक, “कुछ लोगों ने कहा कि शक्ल देखी है? इतनी खुश मत हो, क्योंकि कभी भी किस्मत पलट सकती है।” लेकिन जब गाना वायरल हुआ, तो वही लोग तारीफ करने लगे।
रागिनी ने कभी म्यूजिक की ट्रेनिंग नहीं ली। जो भी गाना सीखा, ढोलक और हारमोनियम के साथ गाकर सीखा। उनके परिवार का खानदानी पेशा ही संगीत था। वह कहती है, “अब मैं भोजपुरी में भी काम करना चाहूंगी। पवन सिंह और खेसारी लाल भोजपुरी सम्राट हैं। अगर उन्हें लगेगा कि मैं उनके लायक हूं, तो वे मुझे मौका देंगे। जिस दिन मेरी किस्मत का दरवाजा खुलेगा, मैं उनके साथ भी गाना गाऊंगी।” दूसरी तरफ, रागिनी को उनके गाने को लेकर ‘ट्रोल’ भी किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि इसमें अश्लीलता है। इस पर वह कहती है, “मैं वही गाती हूं जो लोग सुनना चाहते हैं। मैंने भजन और गजल भी गाए हैं, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं देता। जब लोग खुद डबल मीनिंग गाने ज्यादा सुनते हैं, तो फिर मुझे क्यों दोष दिया जाता है?” उनका कहना है कि हर गाने को उसके मायने के हिसाब से सुनना चाहिए। जो भी हो लेकिन रागिनी ने जो सुर छेड़ा है, उसकी तान लंबी होगी।