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23 जून 2025 · JUN 23 , 2025

आवरण कथा/भारत-अमेरिका रिश्ते: विश्वविद्यालयों पर शिकंजा

ट्रम्प प्रशासन ने विदेशी छात्रों की भर्ती, प्रवेश प्रक्रिया और पाठ्यक्रम में उसके सुझाए बदलाव न करने से आइवी-लीग विश्वविद्यालयों को करोड़ों डॉलर सरकारी मदद खोने का खतरा पैदा हो गया है। इससे बड़े पैमाने पर भारतीय छात्रों पर बंदिशें लग गईं और वीजा पाने में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं
कोलंबिया विश्वविद्यालय

हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम, भर्ती और प्रवेश प्रक्रिया में बदलावों की सलाह मानने से इनकार कर दिया तो ट्रम्प प्रशासन ने 22 मई को आइवी-लीग विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने के अधिकार को रद्द कर दिया। गृह सुरक्षा विभाग की सचिव क्रिस्टी नोएम ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘विश्वविद्यालयों के लिए विदेशी छात्रों को दाखिला देना और भारी-भरकम फीस से अपने अरबों डॉलर के तामझाम में लगाना विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं।’’ सलाह की लंबी फेहरिस्‍त अकेले हार्वर्ड को ही नहीं भेजी गई, लेकिन वह सीधे-सीधे इनकार करने के मामले में अकेला जरूर था। दूसरी जिन आइवी-लीग विश्वविद्यालयों को सलाह मिली, उनमें कुछ ने संघीय सरकारी मदद में कटौती के डर से कुछ फेरबदल किया है। हार्वर्ड को 2.2 अरब डॉलर की संघीय मदद से हाथ धोना पड़ा और अतिरिक्त 9 अरब डॉलर की मदद पर भी तलवार लटकी है। गृह सुरक्षा विभाग के विश्वविद्यालय को भेजे गए नए पत्र में आरोप है कि विश्वविद्यालय में यहूदी विरोध और हमास समर्थक माहौल है और ‘‘विविधता, समानता और समावेशी’’ नीतियों पर जोर है।

बंदिशों पर एक नजर, जिनमें भारतीय छात्र हर साल लाखों में दाखिला लेने की कोशिश करते हैं।

कोलंबिया विश्वविद्यालय

कोलंबिया विश्वविद्यालय ने सलाहों के मुताबिक फेरबदल करके संघीय अनुदान और अनुबंधों में रद्द किए गए 40 करोड़ डॉलर की संघीय मदद बचाने की कोशिश में जुटा है। विश्वविद्यालय को अपने मध्य पूर्व या पश्चिम एशिया अध्ययन विभाग के पाठ्यक्रम में बदलाव करने पड़े हैं, और परिसर के भीतर किसी तरह के विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ कड़े नियम बनाने पड़े हैं।

ब्राउन विश्वविद्यालय

ब्राउन विश्वविद्यालय को परिसर में यहूदी-विरोध के आरोप में 51 करोड़ डॉलर की मदद खोने का डर है।

कॉर्नेल विश्वविद्यालय

कॉर्नेल परिसर यहूदी-विरोध को शह देने के आरोप में 1 अरब डॉलर की संघीय सहायता खो सकता है। अभी विश्वविद्यालय की ओर कोई प्रतिक्रिया सार्वजनिक नहीं हुई है।

नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय

नार्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय

नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय ने कैंपस में विरोध-प्रदर्शन की इजाजत न देने की ट्रम्प प्रशासन की सलाह पर अमल किया। फिर भी 79 करोड़ डॉलर की संघीय सहायता पर तलवार लटकी है। उस पर भी यहूदी विरोध को शह देने का आरोप है।

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय को लैंगिंक मानदंड़ों में बदलाव लाने हैं, क्योंकि उसने 2022 में खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की हिस्‍सेदारी की इजाजत दी थी। उसे 17.5 करोड़ डॉलर संघीय सहायता खोने का डर है। मदद न मिलने से अस्पताल संक्रमण रोकथाम, वायरस ड्रग स्क्रीनिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, रासायनिक युद्ध सुरक्षा जैसे विभाग और छात्र ऋण कार्यक्रमों पर असर पड़ सकता है।

प्रिंसटन विश्वविद्यालय

प्रिंसटन विश्वविद्यालय

प्रिंसटन विश्वविद्यालय को कई बार संघीय अनुदानों के रोक का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय को संघीय फंड में 21 करोड़ डॉलर की मदद से हाथ घोना पड़ सकता है। आरोप वही यहूदी विरोधी विचारधाराओं को शह।

विश्वविद्यालयों की प्रतिक्रिया

•प्रिंसटन विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट क्रिस्टोफर ईसग्रुबर के मुताबिक उन्हें ट्रम्प प्रशासन से कोई तय फेहरिस्‍त नहीं मिली है, लेकिन वे ‘‘शैक्षणिक स्वतंत्रता’’ और ‘‘विश्वविद्यालय के अधिकारों की रक्षा करेंगे। हम यहूदी विरोध और हर तरह के भेदभाव से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम यहूदी विरोध से लड़ने में सरकार के साथ सहयोग करेंगे।’’

•आइवी लीग येल विश्वविद्यालय के 876 संकाय सदस्यों ने एक सार्वजनिक पत्र में लिखा, ‘‘अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर असाधारण हमले हो रहे हैं जिससे लोकतांत्रिक समाज के आधारभूत सिद्धांतों को खतरा पैदा हो गया हैं, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संगठन और शैक्षणिक स्वतंत्रता के अधिकार शामिल हैं। हमारी सभी से अपील है कि इस लड़ाई में हमारा साथ दें।’’

•अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे अमीर हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने पिछले महीने ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया और अपने पूर्व छात्रों और दानदाताओं से संघीय मदद में कटौती की भरपाई करने की अपील की।

 

 

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