लगभग हर घर में बच्चों के लिए बेडटाइम स्टोरी बुक जरूर होती है। इतनी कहानियां कहां याद रहती हैं। इसी तरह यदि एक बच्चों के खाने की रेसिपी बुक हो तो कैसा रहेगा। शेफ राखी वासवानी की किताब, पिकी ईटर्स एंड अदर मील टाइम बैटल्स में बच्चों के पसंदीदा व्यंजनों की विधि है।
राखी वासवानी का कहना है कि बचपन में खान पान का शौक और इससे जुड़ी गड़बड़ी वयस्क होने तक एक तरह से लत का रूप ले लेती है और बाद में इन्हें सुधारा नहीं जा सकता। खाने की खराब आदतें, स्वास्थ्य तथा मूड से संबंधित परेशानी भी पैदा कर सकती है।
टीवी पर एक फूड शो की प्रस्तोता राखी कहती हैं हर मां चाहती है कि बच्चे बड़े हो कर अच्छी जगह नौकरी करें, उन्हें अच्छी दुल्हन मिले लेकिन वह यह सोच ही नहीं पातीं कि बड़े होकर उनकी खान पान की आदतें दस साल के बच्चे की तरह न हो। राखी मानती हैं कि बच्चों की खान पान की आदतें सुधारना इतना कठिन भी नहीं है। थोड़े सोच-विचार और सावधानी से बच्चों में पौष्टिक भोजन के प्रति रूचि पैदा की जा सकती है। जाहिर है पौष्टिक भोजन को थोड़ा स्वाददार भी बनाना होगा। राखी मानती हैं कि स्वाद के साथ हमेशा प्रयोग करना चाहिए।
राखी का मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय कुकिंग स्कूल है। उन्होंने खाने के शौकीनों के लिए घर पर ही रेस्तरां जैसा भोजन तैयार करने का मिशन बना लिया था। अपने बच्चों को हर तरह की नई चीजें खाने के लिए प्रेरित करने पर उन्होंने महसूस किया कि बच्चों पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, अपनी पसंद और तरीके से खाने की छूट देना चाहिए। उनका कहना है कि ज्यादातर बच्चे क्या खाना है यह खुद चुनना पसंद करते हैं। चूंकि अभिभावक उन्हें फल और सब्जियां खाने के लिए बाध्य करते हैं तो वे इन्हीं वस्तुओं से दूर भागते हैं। ऐसे में एक मां के लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि वह क्या पकाएं कि उसमें पौष्टिकता और स्वाद दोनों हो।
एजेंसी इनपुट