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नज़रिया

मीडिया आजाद है!

मीडिया आजाद है!

“बिजनेस के तौर-तरीकों ने जनता के बीच मीडिया की साख पर सवाल खड़े किए” न कोई मीडिया मुगल है, न ही मीडिया...
अलविदा एक युग, अनेक राज

अलविदा एक युग, अनेक राज

मोटे तौर पर कहें तो देश के राजनीतिक नेता हमेशा घनिष्ठता से बचते हैं। यह बात दिवंगत प्रणब मुखर्जी पर भी...
शर्मिंदगी का सबब

शर्मिंदगी का सबब

जीवन के ज्यादातर समय मुझे पत्रकार होने पर गर्व रहा है, सिवाय उन लम्हों के जब प्रमोशन में देरी हुई या...
डीएम होने के मायने

डीएम होने के मायने

“प्रशासनिक सेवा में ग्रामीण परिवेश या साधारण परिवारों से आने वालों की संख्या बढ़ना सुखद संकेत...