...प्रवासी मजदूर वोटबैंक होता! “आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं क्योंकि देश की सियासत में उन्हें किसी ने वोट बैंक नहीं समझा” आधिकारिक... SEP 19 , 2020
फेक न्यूज चलाने वालों ने माफी तक नहीं मांगी: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का नजरिया “बात 1994 की है, जब इसरो जासूसी केस शुरू हुआ था।” बात 1994 की है, जब इसरो जासूसी केस शुरू हुआ था। जिस तरह से... SEP 11 , 2020
सुशांत सिंह राजपूत नशेबाज; यह न्याय है या अन्याय? ये सब सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए किया गया। लेकिन, विडंबना यह है कि जून में... SEP 09 , 2020
मीडिया नियमन प्राधिकरण बने “मीडिया नियमन प्राधिकरण के पास बिजनेस और संपादकीय सामग्री दोनों के नियमन का अधिकार हो” “मीडिया... SEP 07 , 2020
मीडिया आजाद है! “बिजनेस के तौर-तरीकों ने जनता के बीच मीडिया की साख पर सवाल खड़े किए” न कोई मीडिया मुगल है, न ही मीडिया... SEP 06 , 2020
अलविदा एक युग, अनेक राज मोटे तौर पर कहें तो देश के राजनीतिक नेता हमेशा घनिष्ठता से बचते हैं। यह बात दिवंगत प्रणब मुखर्जी पर भी... SEP 05 , 2020
शर्मिंदगी का सबब जीवन के ज्यादातर समय मुझे पत्रकार होने पर गर्व रहा है, सिवाय उन लम्हों के जब प्रमोशन में देरी हुई या... SEP 05 , 2020
निचले स्तर पर टेलीविजन पत्रकारिता मेरा मानना है कि सुशांत सिंह राजपूत पर की जा रही टेलीविजन पत्रकारिता काफी तुच्छ, बेसिर-पैर और खतरनाक... SEP 05 , 2020
महादलित नेता मांझी की एनडीए में वापसी: चुनावी माहौल में नीतीश को मिली बड़ी बढ़त जैसा कि कहते हैं 'राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होते।' राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में... SEP 03 , 2020
राहत इंदौरी: बड़े शायर का विदा होना “राहत साहब मुशायरों के बादशाह थे” राहत साहब से मेरा करीब 20 साल का करीबी संबंध रहा है। हमने साथ में कई... AUG 28 , 2020