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नज़रिया

1962 जैसी जंग के आसार?

1962 जैसी जंग के आसार?

“चीन का अति महत्वाकांक्षी नेतृत्व सीमा पर जिस तरह की परिस्थितियां पैदा कर रहा है, उसे देखते हुए क्या...
तिब्बत नीति का राज

तिब्बत नीति का राज

“वाजपेयी ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया था, मोदी के पास उस फैसले की समीक्षा का मौका” निरुपमा...
फेक न्यूज चलाने वालों ने माफी तक नहीं मांगी: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का नजरिया

फेक न्यूज चलाने वालों ने माफी तक नहीं मांगी: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का नजरिया

“बात 1994 की है, जब इसरो जासूसी केस शुरू हुआ था।” बात 1994 की है, जब इसरो जासूसी केस शुरू हुआ था। जिस तरह से...
मीडिया आजाद है!

मीडिया आजाद है!

“बिजनेस के तौर-तरीकों ने जनता के बीच मीडिया की साख पर सवाल खड़े किए” न कोई मीडिया मुगल है, न ही मीडिया...
अलविदा एक युग, अनेक राज

अलविदा एक युग, अनेक राज

मोटे तौर पर कहें तो देश के राजनीतिक नेता हमेशा घनिष्ठता से बचते हैं। यह बात दिवंगत प्रणब मुखर्जी पर भी...
शर्मिंदगी का सबब

शर्मिंदगी का सबब

जीवन के ज्यादातर समय मुझे पत्रकार होने पर गर्व रहा है, सिवाय उन लम्हों के जब प्रमोशन में देरी हुई या...
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